Loading election data...

धधकते अंगारों पर नृत्य करते जाख देवता के साक्षी बने हजारों भक्त, यज्ञकुंड की राख को प्रसाद रूप में घर ले गये

केदारघाटी के देवशाल गांव के जाखधार मंदिर में जाख देवता ने पश्वा पर अवतरित होकर धधकते अंगारों में नृत्य किया. इस पल के वहां मौजूद हजारों श्रद्धालु साक्षी बने.

By संवाद न्यूज | April 15, 2021 9:08 PM

गुप्तकाशी (उत्तराखंड): केदारघाटी के देवशाल गांव के जाखधार मंदिर में जाख देवता ने पश्वा पर अवतरित होकर धधकते अंगारों में नृत्य किया. इस पल के वहां मौजूद हजारों श्रद्धालु साक्षी बने. यज्ञकुंड की राख को भक्त प्रसाद रूप में अपने घरों को लाए. शाम को जाख देवता की मूर्ति के विंध्यासनी मंदिर में विराजमान होने के साथ ही दो दिवसीय प्राचीन जाख देवता मेला विधि-विधान के साथ संपन्न हो गया.

बैसाख माह की दो गते बृहस्पतिवार को जाख देवता के पश्वा मदन सिंह राणा भक्तों के साथ गंगा स्नान के उपरांत नारायणकोटी, कोटेड़ा होते हुए दोपहर बाद लगभग डेढ़ बजे विंध्यासनी मंदिर पहुंचे. यहां पर देवशाल के देवशाली ब्राह्मणों द्वारा आराध्य की पूजा-अर्चना की गई. इसके उपरांत जाखधार स्थित मंदिर पहुंचे. यहां पर ढोल-दमाऊं व पारंपरिक वाद्य यंत्रों व जागर, मांगल व गीतों के साथ भक्तों द्वारा आराध्य का स्वागत किया गया.

इस मौके पर पूरा मंदिर परिसर आराध्य जाख देवता के जयकारों से गूंज उठा. मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भगवान जाख देवता अपने पश्वा मदन सिंह राणा पर अवतरित हुए और धधकते अंगारों में नृत्य करने लगे. हजारों श्रद्धालु इसके साक्षी बने. इससे पूर्व बीते बुधवार को जाख देवता मंदिर में ग्रामीणों के द्वारा सैकड़ों क्विंटल लकड़ी से यज्ञकुंड बनाया गया था. रात्रि 8 बजे विशेष पूजा-अर्चना के बाद यज्ञकुंड में अग्नि प्रज्जवलित की गई. साथ ही रातभर चार पहर पूजा-अर्चना की गई.

Also Read: NEET PG 21 की परीक्षा स्थगित, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा मेडिकल स्टूडेंट की बेहतरी के लिए लिया गया यह निर्णय
हल्की बूंदाबांदी भी हुई

जाख देवता भक्तों के जयकारे के साथ जैसे ही दोपहर बाद 2 बजे मंदिर में पहुंचे. आसमान में घने बादल छाने के साथ हल्की बूंदाबांदी होने लगी और कुछ देर में ही बंद हो गई. स्थानीय लोगों के अनुसार आराध्य के मंदिर में प्रवेश करने के उपरांत बारिश शुभ संकेत होता है.

Next Article

Exit mobile version