नयी दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के उपाध्यक्ष ने कोरोना संक्रमण से शिक्षकों की हुई मौत पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कुलपति और मंत्रालय को भी पत्र लिखा है. बताया जाता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के करीब तीन दर्जन शिक्षकों की मौत कोरोना से हुई है.
कोरोना की वजह से हमारे जिन शिक्षकों की मौत हो रही है उसके लिए हमने DUTA की तरफ से कुलपति और मंत्रालय को पत्र भी लिखा है कि कम से कम उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें: DUTA के उपाध्यक्ष डॉक्टर आलोक रंजन पांडेय https://t.co/wRlaFtZTYp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 17, 2021
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉक्टर आलोक रंजन पांडेय ने कहा है कि कोरोना की वजह से हमारे जिन शिक्षकों की मौत हो रही है, उसके लिए हमने ‘डूटा’ की तरफ से कुलपति और मंत्रालय को पत्र भी लिखा है कि कम-से-कम उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें.
साथ ही डॉ आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि पिछले एक महीने में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के लगभग 35-36 शिक्षकों की मौत हो चुकी है. एक-एक कॉलेज से 3-3 शिक्षकों की मौत हुई है. ऐसा कोई कॉलेज नहीं है, जहां किसी शिक्षक या छात्र की मौत ना हुई हो. एडहॉक शिक्षकों को लेकर हमें संवेदना है.
मालूम हो कि इससे पहले कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से दिल्ली विश्वविद्यालय के मृत शिक्षकों के परिजनों को डीयू टीचर वेलफेयर फंड सेआर्थिक मुहैया कराने का निर्णय किया है. इसके अनुसार एक मार्च, 2021 के बाद जिन शिक्षकों की मौत हुई है, उनके परिजनों को अधिकतम 10 लाख रुपये की मदद देने का फैसला किया गया है.
फैसले के मुताबिक, 40 वर्ष की आयु तक के शिक्षकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, 50 वर्ष की आयु तक के शिक्षकों को आठ लाख रुपये और इससे ऊपर की आयु के शिक्षकों को छह लाख रुपये की आर्थिक मदद की जायेगी. डीयू के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने आर्थिक सहायता राशि बढ़ा कर 30 लाख, 25 लाख, 20 लाख करने की मांग की थी. डीयू के तीन दर्जन शिक्षकों की कोरोना संक्रमण से मौत तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।