Tiger Population in India: प्रोजेक्ट टाइगर के तहत देश में बाघों की आबादी को बढ़ाने के लिए बाहरी देशों से इन्हें भारत लाया जा रहा है. बता दें भारत में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत के 50 साल पूरे हो चुके हैं और इसी अवसर पर कुछ ही दिन पूर्व पीएम मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी का आनंद भी उठाया है. टाइगर रिजर्व का आनंद उठाने के बाद पीएम मोदी ने एक ट्वीट भी जारी किया था और अपने उस ट्वीट में कहा था कि- सुबह सुन्दर बांदीपुर टाइगर रिजर्व में बितायी और भारत के वन्य जीवन, प्राकृतिक सुंदरता और विविधता की झलक देखी.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सदस्य सचिव एसपी यादव ने बाघों की बढ़ती हुई आबादी पर बात करते हुए कहा कि- यह गर्व की बात है कि भारत में बाघों की सबसे ज्यादा आबादी है 2006 में पहले बाघ अनुमान के अनुसार, 1,411 बाघ (भारत में) और 2010 में 1,700 बाघ थे. साल 2018 में यह संख्या बढ़कर 2,967 हो गई. साल 2022 की न्यूनतम बाघ अनुमानित जनसंख्या के अनुसार, यह 3,167 है. यह स्वस्थ विकास को इंगित करता है. आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि- दुनिया भर में कुल 13 देश हैं जहां टाइगर रेंज हैं. वैश्विक बाघों की आबादी लगभग 4,000-4,500 है. इनमें से भारत में 3,167 बाघ हैं. इसका मतलब है, वैश्विक बाघों की आबादी का लगभग 75 प्रतिशत भारत में है.
#WATCH | "As per the first tiger estimation in 2006, there were 1411 tigers (in India) and 1700-odd tigers in 2010. In 2018, number rose to 2967. As per 2022's minimum tiger estimated population, it's 3167. This indicates healthy growth. Matter of pride that India has the highest… pic.twitter.com/utzOCgxx4U
— ANI (@ANI) April 12, 2023
पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान इंटरनेशनल बिग कैट अलायन्स की भी शुरुआत की. इसका उद्देश्य शेर और बाघ जैसे बिग कैट फैमिली की सात प्रमुख प्रजातियों की रक्षा और संरक्षण करना है. इस दौरान पीएम मोदी ने ‘अमृत काल टाइगर विजन’ नामक पुष्तक का विमोचन भी किया. यह किताब आने वाले 25 वर्षों में देश में बाघों के संरक्षण के लिए दृष्टिकोण पेश करती है.