Timarpur Vidhan Sabha: दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन की तारीख समाप्त होने के साथ ही प्रचार अभियान जोर पकड़ चुका है. भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार तय हो चुके हैं. तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र में ही दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस है. इस इलाके में छात्रों की संख्या काफी अधिक है. कई छात्र किराए के मकान में रहते हैं. इस इलाके की अर्थव्यवस्था में छात्रों का अहम योगदान है. कई कोचिंग संस्थान इस इलाके में मौजूद है. इलाके में ट्रैफिक जाम, सड़क, संकरी गलियों में साफ-सफाई और पानी की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है.
हल्की बारिश होने पर जलभराव एक बड़ी समस्या है. तिमारपुर क्षेत्र से इस बार आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक दिलीप पांडे की जगह पूर्व में कांग्रेस से विधायक और फिर पिछला चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ने वाले सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू को उम्मीदवार बनाया है. वहीं भाजपा ने सूर्यप्रकाश खत्री और कांग्रेस ने लोकेंद्र चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. वर्ष 2013 से इस सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है. पिछले दो चुनाव में इस क्षेत्र से आम आदमी पार्टी बड़े अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रही है.
बुनियादी सुविधाओं की कमी है बड़ा मुद्दा
दिल्ली के अन्य क्षेत्रों की तरह इस इलाके में भी बुनियादी सुविधाओं की कमी एक बड़ा मुद्दा है. टूटी सड़कें, हल्की बारिश में जलजमाव, ट्रैफिक जाम और पीने की पानी की कमी एक बड़ी समस्या है. इसके अलावा प्रदूषण भी आम लोगों को प्रभावित कर रहा है. इस इलाके में कई पॉश कॉलोनियों के अलावा झुग्गी-झोपड़ी और अस्थायी कॉलोनी है. आम आदमी पार्टी के बिजली, पानी और महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त सुविधा के कारण आम मतदाताओं के बीच पार्टी ने मजबूत पैठ बनायी. लेकिन इस बार लोग आम आदमी पार्टी सरकार के काम से खुश नहीं दिखते हैं. स्थानीय दुकानदार सुरजीत सिंह का कहना है कि मौजूदा सरकार ने विकास का काम नहीं किया है. हालात पहले से बदतर हुए है.
जर्जर सड़क, सीवर ओवरफ्लो और पीने के पानी के कारण आम लोग परेशान है. यही नहीं प्रदूषण के कारण लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. सिर्फ मुफ्त के वादों से दिल्ली का विकास नहीं हो सकता है. कोचिंग की तैयारी करने वाले छात्र भी इस इलाके में बड़ी संख्या में रहते हैं. उन लोगों का कहना है कि किराये पर रह रहे छात्रों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं रहता है. वहीं स्थानीय ऑटो चालक रमेश कुमार का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने ऑटो चालकों के लिए कई तरह का वादा किया था, लेकिन इन वादों को पूरा नहीं किया गया.
महिलाओं के लिए बस में मुफ्त सफर का नुकसान ऑटो वालों को उठाना पड़ रहा है. ऑटो वालों की कमाई कम हो रही है और सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल रही है. इस बार बदलाव होना चाहिए. दिल्ली में साफ-सफाई एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. इस इलाके में पंजाबी, सिख, वैश्य के अलावा दलित मतदाताओं की संख्या काफी है. स्थानीय लोग बिट्टू को उम्मीदवार बनाए जाने से खुश नहीं दिख रहे हैं. लोगों का कहना है कि बिट्टू फायदे के लिए दल बदलते रहे हैं.