बोले सोनम वांगचुक- एकजुट होकर चीन को जवाब देने का वक्त, पढ़ें खास बातचीत

पहला चीन को जवाब देना. चीन पर हम कुछ ज्यादा ही निर्भर हो गये हैं. वह इसका फायदा उठा रहा है. दूसरा है आत्मनिर्भरता और स्वदेसी का. साथ ही मैं व्यापार और विदेशों से संपर्क के खिलाफ नहीं हूं

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2020 11:03 AM

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोनम वांगचुक मूूलत: एक इंजीनियर, नवाचारी और शिक्षा सुधारक हैं. सोनम को एसईसीएमओएल परिसर को डिजाइन करने के लिए भी जाना जाता है, जो सौर-ऊर्जा पर चलता है. उन्हें सरकारी स्कूल व्यवस्था में सुधार लाने के लिए वर्ष 1994 में ऑपरेशन न्यू होप शुरू करने का श्रेय भी प्राप्त है. इन्होंने ही बर्फ-स्तूप तकनीक का आविष्कार किया है जो कृत्रिम हिमनदों का निर्माण करता है.

फिल्म थ्री इडियट्स में आमिर खान का किरदार फुंगसुक वांगडू इन्हीं की जिंदगी से प्रेरित था. वर्तमान में वह चीन के उत्पादों के बहिष्कार का अभियान चला रहे हैं, जिसे समर्थन मिल रहा है. उन्होंने यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से दो वीडियो जारी कर अपनी बातें कहीं. तब से अब तक सोशल मीडिया पर चर्चा जारी है. उनके इसी अभियान पर प्रभात खबर के लिए आनंद दत्त ने लद्दाख निवासी सोनम वांगचुक से फोन पर बातचीत की.

Qक्या मानते हैं कि स्वदेशी अभियान का नेतृत्व आप नये सिरे से कर रहे हैं?

इसके दो पहलू हैं. पहला चीन को जवाब देना. चीन पर हम कुछ ज्यादा ही निर्भर हो गये हैं. वह इसका फायदा उठा रहा है. दूसरा है आत्मनिर्भरता और स्वदेसी का. साथ ही मैं व्यापार और विदेशों से संपर्क के खिलाफ नहीं हूं. हां, जिससे हमारा संपर्क हो, वह संपर्क के लायक हो. सामान्य देशों की तरह मित्र देश हो, न कि तानाशाह, विस्तारवादी सोच रखनेवाला. अभी एकजुट होकर चीन को जवाब देने का वक्त है.

Qक्या आपके इस अभियान को सरकार का समर्थन है?

नहीं, भारत सरकार से मेरा कोई संपर्क नहीं है. एक भारतीय की तरह मैं अपनी सरकार की कद्र करता हूं, दूर-दराज लद्दाख में हूं. हमारे दरवाजे पर जो हो रहा है, उसे देखकर निकली यह दिल की आवाज है.

Qएक तरफ आप चीनी उत्पादनों के बहिष्कार की बात कर रहे हैं. दूसरी तरफ भारत सरकार चीन के बैंकों, जो कि व्यापार के लिए जरूरी है, को भारत में कारोबार की अनुमति देती है?

सरकार की तरफ से मैं नहीं कह पाऊंगा, क्योंकि सरकारें एक-दूसरे देशों से प्रोटोकॉल में बंधी होती हैं. अगर भारत ने पहले ऐसा कोई समझौता किया है चीन से, तो अच्छी बात है. अगर कोई नयी पहल हो रही है, तो मैं कहूंगा ये वक्त नहीं है ऐसा करने का. मैं तो सिर्फ जनता से कह रहा हूं कि वह अपने स्तर पर कुछ करे.

Qचीनी कंपनी के मोबाइल से चीनी एप अनइंस्टॉल कर किस प्रकार की देशभक्ति जाहिर की जा सकती है?

चीनी एप व मोबाइल की सारी आय चीन की कंपनियों को जा रही है. इसी पैसे का इस्तेमाल हमारे सैनिकों के खिलाफ हो रहा है. जिनके मोबाइल में एप होंगे, उनमें से कुछ के भाई सेना में होंगे. वह उनकी ही मौत का कारण बन सकते हैं. इससे पहले हम एक सामान्य देश की तरह चीन से सामान खरीद रहे थे, तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है.

मोबाइल जो चल रहा है, उसे फेंक या तोड़ नहीं सकते हैं. जब नया लेंगे, तो किसी और देश का लें. जब बड़ी संख्या में एप अनइंस्टॉल होगा, तो इससे चीन को साफ संदेश जायेगा कि भारत की जनता गुस्से में है. जनता की आवाज सीमा पर जवान की आवाज से ज्यादा डरावनी होगी. साथ ही चीनी एप के माध्यम से हमारा सारा डेटा उनके पास चला गया है. यह खतरनाक है.

Qसरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल कमजोर हो रही है. डाक सेवा से पहले गांव में निजी कंपनी कूरियर लेकर पहुंच जा रही है. ऐसे में पहले भारत सरकार पर स्वदेशी को बढ़ावा देने का दबाव क्यों नहीं?

सरकार की तरफ से स्वदेसी आत्मनिर्भरता की बात आ रही है, ये अच्छी बात है. अगर सरकार से मैं कहूंगा तो वह अनसुनी रह जायेगी. जनता अगर बायकॉट चीन में रुचि दिखाती है, तो भारत सरकार को भी संदेश जायेगा. वह मेरी आवाज को नकार सकती है, जनता की आवाज को नहीं.

Qभारत की बड़ी कंपनियां भी अपने उत्पाद की एसेंबलिंग चीन में करा रही हैं. तो देशभक्ति का भार आम जनता ही ढोये, यह कितना सही है?

इसलिए तो हम कह रहे हैं बायकॉट मेड इन चाइना. अगर हमारा संदेश जोरदार हुआ तो कंपनियां खुद यह सब बंद कर देंगी. मैं कंपनियों के मालिक से नहीं कहना चाहूंगा. मैं जनता से, उपभोक्ता से कहना चाहूंगा.

Qआपने खुद कई तरह की तकनीक ईजाद की है, उसका प्रचार और प्रसार देशभर में हुआ क्या?

नहीं मैं तो पहाड़ों में रहता हूं, जहां लोगों की जिंदगी आसान करने के लिए मैं काम करता रहता हूं. इसके बाद सोचता हूं दुनिया में और जगहों पर भी काम करनेवालों के लिए वहां की जरूरतों के हिसाब से तकनीक का इस्तेमाल हो. ऐसा कुछ नहीं, जिसकी चर्चा देशभर में हुई हो.

Qजब आपके बनाये स्वदेशी चीजों का ही देशभर में प्रचार नहीं हुआ, तो कैसे उम्मीद करते हैं कि आपके कहने पर जनता स्वदेशी अपनायेगी?

मुझे इस बात की कोई शिकायत नहीं है. मैं जो कर रहा हूं, वह देश के उस भाग में कर रहा हूं, जहां के लिए दूसरे लोग बहुत कुछ नहीं कर रहे हैं. मेरे लिए यही बड़ी बात है.

Qऐसा नहीं लगता है कि आपके अभियान का इस्तेमाल आगामी बंगाल और बिहार विधानसभा चुनावों में किया जा सकता है.

मैं एक सीधा-सादा ट्राइबल हूं. ये सब बातें समझ नहीं आतीं. दिल से एक आवाज निकली और मैंने कह दिया. मुझे ये राजनीति समझ में नहीं आती.

Q चीन के साथ भारत के जिस पांच लाख करोड़ के व्यापार की बात आप कर रहे हैं, उसकी इजाजत तो भारत सरकार ने ही दी है न?

अगर देश की जनता चीन का सामान नहीं खरीदती है, तो वहां के सामान नहीं आते न. भारत के व्यापारी इसका फायदा उठायें और लोगों के लिए सामान बनायें. अगर इस मौके का भी फायदा नहीं उठा पाये, तो आप निकम्मे हैं.

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