जयपुर के एक कोर्ट ने दुष्यन्त शर्मा की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस हत्याकांड की कहानी ऐसी है जिसकी चर्चा बहुत से लोग कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसको लेकर कोर्ट ने तीन आरोपियों को सजा दी. दरअसल, 28 के बिजनसमैन जिसका नाम दुष्यंत शर्मा था वह , प्रिया सेठ नाम की एक लड़की से डेटिंग ऐप टिंडर पर मिला. 27 साल की प्रिया के प्रति उसका आकर्षण इतना बढ़ गया कि दोनों ने एक-दूसरे से मिलने का फैसला किया. प्रिया ने दुष्यंत को किराए के मकान में मिलने के लिए मना लिया…इसके बाद क्या था दुष्यंत इसपर राजी हो गया. हालांकि फरवरी 2018 में शुरू हुआ यह रिश्ता झूठ की बुनियाद पर बना था जिसका खुलासा बाद में हुआ.
फर्जी पहचान के साथ टिंडर पर एक्टिव था दुष्यंत
दुष्यंत की बात करें तो वह पहले से शादीशुदा था. वह विवान कोहली नाम से फर्जी पहचान के साथ टिंडर पर एक्टिव रहता था. वह खुद को दिल्ली के एक अमीर बिजनेसमैन के रूप में टिंडर पर शो करता था. वहीं दूसरी ओर, प्रिया ने केवल दुष्यंत का अपहरण करने और उससे पैसे बनाने के उद्देश्य से बात शुरू की. अपने दो साथियों दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया की मदद प्रिया ने ली. घर में घुसते ही दुष्यंत का अपहरण कर लिया गया. इसके बाद का प्लान फिरौती मांगने का था. प्रिया और उसके साथियों ने दुष्यंत के घरवालों को कॉल किया और पैसे की डिमांड की.
क्यों की हत्या गई दुष्यंत की हत्या
फिरौती की मांग करने के बाद आरोपियों को अहसास हो गया कि ‘दिल्ली का व्यवसायी’ उतना अमीर नहीं था, जितना वह टिंडर पर खुद को शो कर रहा है. जब दुष्यंत का परिवार 10 लाख रुपये का भुगतान नहीं कर सका तो आरोपियों ने उस पर कई बार चाकू से वार किया. इसके बाद तकिये से उसका मुंह दबाकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि पीड़ित के पिता द्वारा अपने बेटे के खाते में 3 लाख रुपये जमा करने के बाद, आरोपी ने नेहरू उद्यान के पास एक एटीएम से 20,000 रुपये निकालने के लिए दुष्यन्त शर्मा के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किया. कहीं उनकी हरकत सबके सामने नहीं आ जाए. यह शंका आरोपियों के मन में था. इस वजह से शर्मा की हत्या कर दी गई और अपराधियों ने शर्मा के शरीर के टुकड़े कर दिए. शरीर के टुकड़ों को एक सूटकेस में उन्होंने रखा, जिसे दिल्ली की सड़क पर फेंक दिया.
किन धाराओं में सुनाई गई सजा
वकील संदीप लोहारिया ने बताया कि जब दुष्यंत का परिवार फिरौती की मांग को पूरा करने में विफल रहा, तो प्रिया और उसके साथियों ने शर्मा की बेरहमी से हत्या कर दी. साक्ष्यों के आधार पर सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार हिंगर ने तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 342, 302, 201 और 120-बी के तहत दोषी करार दिया. आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. आपको बता दें कि पूरा मामला फरवरी 2018 का है.