टिपरा मोथा चीफ प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात, ट्वीट कर कह दी बड़ी बात
टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देब बर्मन ने ट्वीट किया और बताया, गृह मंत्री ने त्रिपुरा के मूल निवासियों के संवैधानिक समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्रक्रिया के लिए एक वार्ताकार नियुक्त किया जाएगा और यह एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर होगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राजकीय अतिथि गृह में टिपरा मोठा के प्रमुख प्रद्योत किशोर देबबर्मा के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. मुलाकात के बाद देबबर्मा ने ट्वीट किया और इसकी जानकारी दी.
त्रिपुरा के मूल निवासियों के संवैधानिक समाधान की प्रक्रिया शुरू
टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देब बर्मन ने ट्वीट किया और बताया, गृह मंत्री ने त्रिपुरा के मूल निवासियों के संवैधानिक समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्रक्रिया के लिए एक वार्ताकार नियुक्त किया जाएगा और यह एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर होगा.
देबबर्मा के साथ बैठक में शाह के साथ नड्डा और नये मुख्यमंत्री साहा भी शामिल
टिपरा मोथा प्रमुख देबबर्मा जब गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात कर रहे थे, उस समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा और त्रिपुरा के नये मुख्यमंत्री माणिक साहा भी बैठक में शामिल थे.
The Home Minister has started the process for a constitutional solution for the indigenous people of Tripura. An interlocutor for this process will be appointed and this will be within a specific time frame, tweets Tipra Motha Chief Pradyot Deb Barman pic.twitter.com/K1D5bR97Cg
— ANI (@ANI) March 8, 2023
देबबर्मा लंबे समय से कर रहे हैं तिप्रसा नाम से एक अलग राज्य बनाने की मांग
त्रिपुरा के पूर्व शासक परिवार के वंशज देबबर्मा लंबे समय से ‘तिप्रसा’ नाम से एक अलग राज्य बनाने की अपनी पार्टी की मांग के संवैधानिक समाधान का अनुरोध कर रहे हैं. टिपरा मोठा ने हाल ही में संपन्न 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के चुनाव में 13 सीटें जीती हैं.
त्रिपुरा को दो टुकड़ों में बांटने के लिए बीजेपी तैयार नहीं
भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह छोटे राज्य त्रिपुरा के विभाजन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है वहीं, उसके नेतृत्व ने त्रिपुरा जनजातीय स्वायत्त परिषद को अधिक विधायी, वित्तीय और कार्यकारी शक्तियां देने की इच्छा व्यक्त की है. त्रिपुरा जनजातीय स्वायत्त परिषद फिलहाल अस्तित्व में है और राज्य में आदिवासी समुदायों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में मामलों को देखती है.