Tirupati Laddu Case: तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें

Tirupati Laddu Case: तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए.

By Amitabh Kumar | September 30, 2024 1:39 PM
an image

Tirupati Laddu Case: तिरुमाला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रसाद में मिलावट बहुत ही चिंताजनक है. जांच जारी है तो आंध्र प्रदेश के सीएम ने बयान क्यों दिया? ये श्रद्धालुओं की आस्था का सवाल है. कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें. सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं सहित सभी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख तय की है.

कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार के वकील से कहा कि लैब रिपोर्ट से पता चलता है कि जिस घी की जांच की गई थी, वह रिजेक्ट किया गया घी था. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि एसआईटी जांच के आदेश के बाद प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी. सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि एसआईटी जांच के नतीजे आने तक प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए.

जब सुनवाई का समय दोपहर एक बजे निर्धारित हुआ तो न्यायमूर्ति गवई ने मजाक में कहा, “उम्मीद है कि हमें दोपहर के भोजन में लड्डू नहीं खाने पड़ेंगे.”

Read Also : Tirupati Laddu controversy: एक्शन में केंद्र सरकार, घी सप्लाई करने वाली कंपनी को कारण बताओ नोटिस

तिरुपति लड्डू विवाद: सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

  1. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यह दिखाने के लिए क्या सबूत हैं कि लड्डू बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था.
  2. हम कम से कम इतनी उम्मीद करते हैं कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा : सुप्रीम कोर्ट
  3. अगर जांच के आदेश दिए गए थे तो प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी: सुप्रीम कोर्ट
  4. तिरुपति लड्डू विवाद पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह आस्था का मामला है. अगर मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य है.
  1. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी दर्ज किए जाने या एसआईटी गठित किए जाने से पहले तिरुपति लड्डुओं के बारे में बात की थी.
  2. उच्च संवैधानिक पदाधिकारी का जांच जारी रहने के बीच सार्वजनिक रूप से कुछ कहना उचित नहीं था : सुप्रीम कोर्ट
  3. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जा सकती है.
Exit mobile version