तृणमूल कांग्रेस की दो सांसदों पर रविवार को हमला करने की बात सामने आई. टीएमसी के दो सांसदों ने दावा किया कि त्रिपुरा में रविवार को उन पर हमला हुआ. बताया जाता है कि टीएमसी सांसद डोला सेन स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर त्रिपुरा के बेलोनिया में झंडा फहराने गई थी. इसी दौरान बेलोनिया के पास टीएमसी सांसद डोला सेन के काफिले पर हमला कर दिया गया.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए टीएमसी सांसद ने आरोप लगाया कि दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया में उन पर हमला किया गया. वो झंडा फहराने जा रही थी. उन पर बेलोनिया के अलावा समरूम में भी हमला किया गया. हमले के दौरान पुलिस चुपचाप तमाशा देखती रही. उन्होंने टीएमसी सांसद अपरूपा पोद्दार पर भी हमले का आरोप लगाया. इस हमले में एक अन्य व्यक्ति के घायल होने की खबर आई. घायल व्यक्ति सांसद अपरूपा पोद्दार का सहयोगी है.
TMC MP Dola Sena alleges that her convoy was attacked near Belonia town in South Tripura district, where she had gone to hoist the National Flag. pic.twitter.com/mua2yiqlUA
— ANI (@ANI) August 15, 2021
कुछ दिनों पहले भी त्रिपुरा में टीएमसी सांसद और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर हमले की खबर आई थी. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कहने पर बीजेपी के लोग टीएमसी सांसदों को निशाना बना रहे हैं. इस मामले पर खूब हंगामा हुआ था. जबकि, त्रिपुरा पुलिस ने टीएमसी के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ छह नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इन सभी पर पुलिस के साथ बदसलूकी का आरोप लगाया गया था. त्रिपुरा पुलिस ने अभिषेक बनर्जी के साथ ही कुणाल घोष, सुबल भौमिक, श्रीप्रकाश दास, डोला सेन, ब्रात्या बसु पर भी मामला दर्ज किया था.
दरअसल, त्रिपुरा में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. इसी बीच अभिषेक बनर्जी त्रिपुरी के राजनीतिक दौरे पर गए थे. इसी दौरान उन पर हमला किए जाने की खबर आई थी. हमले के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था त्रिपुरा, असम, उत्तर प्रदेश और जहां भी बीजेपी की सरकार है, वहां बीजेपी अराजक सरकार चला रही है.
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त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है और कमान बिप्लब कुमार देब के हाथों में हैं. बंगाल चुनाव में हैट्रिक बनाकर उत्साहित टीएमसी ने बीजेपी के गढ़ त्रिपुरा का रूख किया है. बड़ी बात यह है कि बंगाल चुनाव के दौरान बीजेपी ने टीएमसी की ममता सरकार पर हिंसा का आरोप लगाया था. कई मौकों पर चुनाव प्रचार के लिए आने वाले बीजेपी नेताओं के हेलिकॉप्टर तक को उतरने की अनुमति नहीं दी गई थी. बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद भी राज्य में राजनीतिक हिंसा की घटनाएं होती रही. इस पर कोलकाता से दिल्ली तक बीजेपी और टीएमसी के बीच तनातनी रही है.