महुआ मोइत्रा ने पूर्व जज को राज्यपाल बनाये जाने पर कसा तंज, कांग्रेस ने भी की आलोचना, जानें किसने क्या कहा…
TMC MP महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को राज्यपाल के रूप में नियुक्ति की निंदा की है. वहीं, कांग्रेस ने भी इस मामले पर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
Andhra Pradesh Governor: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एस अब्दुल नजीर की आंध्र प्रदेश के नए राज्यपाल के रूप में नियुक्ति की निंदा की है. वहीं, कांग्रेस ने भी इस मामले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. बताते चलें कि जस्टिस नजीर की सेवानिवृत्ति के 40 दिनों के भीतर नियुक्ति को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.
जानिए जस्टिस नजीर का क्यों हो रहा विरोध
दरअसल, जस्टिस नजीर उस पांच न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा थे, जिन्होंने नवंबर, 2019 में अयोध्या राम जन्मभूमि मामले का फैसला किया था. जस्टिस नजीर ने उस पीठ की भी अध्यक्षता की थी, जिसने 2016 में मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम को बरकरार रखा था. इसके अलावा, न्यायमूर्ति नजीर उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(A) के तहत बोलने की आजादी के अधिकार में और प्रतिबंध जोड़े जाने को लेकर फैसला सुनाया था.
महुआ मोइत्रा ने कसा तंज, ट्वीट कर कही ये बात
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि एक और सुप्रीम कोर्ट के जज को सेवानिवृत्ति के दो महीने से भी कम समय में राज्यपाल नियुक्त किया. बहुसंख्यक सरकार को धारणा की परवाह नहीं है. लेकिन, आप इसे स्वीकार करने के लिए कितने बेशर्म हैं?
जयराम रमेश ने सरकार पर साधा निशाना
महुआ मोइत्रा के साथ ही कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में जस्टिस नजीर की नियुक्ति की आलोचना की है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का एक वीडियो साझा किया, जिसे 2012 में यह कहते हुए सुना गया था कि सेवानिवृत्ति से पहले के निर्णय सेवानिवृत्ति के बाद की नौकरियों से प्रभावित होते हैं. वीडियो के साथ उन्होंने ट्वीट किया, निश्चित रूप से पिछले 3-4 वर्षों में इसके पर्याप्त सबूत हैं.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कही ये बात
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, दुख की बात है कि बीजेपी नेताओं में से एक अब हमारे साथ नहीं रहे, अरुण जेटली ने 5 सितंबर, 2013 को सदन में और बाहर कई बार कहा कि एक पद की इच्छा सेवानिवृत्ति की नौकरी पूर्व सेवानिवृत्ति निर्णयों को प्रभावित करती है. यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा है.