कोलकाता : भारत में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. आगामी 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान कराए जाएंगे. इस बीच, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ऐलान किया है कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले मतदान के दौरान उसके सांसद दिल्ली स्थित संसद भवन में वोट करने नहीं जाएंगे. इसके बजाए वे सभी कोलकाता स्थित राज्य के विधानसभा में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि पार्टी के सांसद संसद में बनाई गई सुविधाओं की बजाए 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में पश्चिम बंगाल विधानसभा में अपना वोट डालेंगे. उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को होने वाले मतदान में टीएमसी के सभी सांसद यशवंत सिन्हा को वोट करेंगे. विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को एनडीए की द्रौपदी मुर्मू के सामने विपक्ष के साझा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है.
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने सभी सांसदों को दिल्ली स्थित संसद भवन या फिर अपने राज्यों की विधानसभाओं में राष्ट्रपति पद के लिए अपने पसंदीदा प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने का विकल्प दिया है. इस मामले पर टीएमसी के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि सांसदों को यह विकल्प पहले भी मिलता रहा है. सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की और टीएमसी ने फैसला किया है कि लोकसभा में पार्टी के सभी सांसद और राज्यसभा सांसद बंगाल में मतदान करेंगे.
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गौरतलब है कि बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा बंगाल के आसनसोल से टीएमसी सांसद चुने गए हैं और उनके 18 जुलाई को शपथ लेने की संभावना है. शपथ लेने के बाद उनके संसद में वोट डालने की संभावना है. चुनाव आयोग ने सांसदों को मतदान के स्थान पर अपनी पसंद का प्रयोग करने के लिए 10 दिन का समय दिया है. पोल पैनल सांसदों को संसद या उनके राज्यों में राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का विकल्प देता है.