स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रविवार को त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस की दो सांसदों डोला सेन और अपरूपा पोद्दार पर हमले की खबर आई. टीएमसी ने हमले का आरोपी बीजेपी पर लगाया. दूसरी तरफ टीएमसी ने ऐलान किया है कि पश्चिम बंगाल समेत भारत के दूसरे राज्यों में 16 अगस्त को ‘खेला होबे दिवस’ मनाया जाएगा. पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सत्ता में आई सीएम ममता बनर्जी ने चुनाव में जीत के कुछ दिनों बाद ऐलान किया था कि टीएमसी ‘खेला होबे दिवस’ मनाएगी.
तृणमूल कांग्रेस के मुताबिक पश्चिम बंगाल में 16 अगस्त को ‘खेला होबे दिवस’ का आयोजन किया जाएगा. दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, त्रिपुरा समेत देश के दूसरे राज्यों में 16 अगस्त को ‘खेला होबे दिवस’ मनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. खास बात यह है कि टीएमसी बीजेपी (पार्टी की गठबंधन वाली सरकार भी) शासित राज्यों में ‘खेला होबे दिवस’ मनाने की घोषणा की है. इसका आयोजन पूरी तरह टीएमसी करने जा रही है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल की सत्ता में तीसरी बार आने वाली टीएमसी की सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि 16 अगस्त को ‘खेला होबे’ दिवस मनाया जाएगा. 1980 में एक फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई थी. उन्हीं की याद में ‘खेला होबे’ दिवस मनाने का फैसला लिया गया है. इस अवसर पर स्पोर्ट्स क्लबों को फुटबॉल दिया जाएगा.
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दूसरी तरफ बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस के ‘खेला होबे दिवस’ पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी के नेताओं ने टीएमसी के ‘खेला होबे दिवस’ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस आयोजन को गैर जरूरी करार दिया है. बीजेपी का कहना है कि 16 दिवस को ‘खेला होबे दिवस’ मनाकर ममता बनर्जी और टीएमसी अन्याय और अत्याचार के दौर को वापस लाना चाहती है. बीजेपी शासित प्रदेशों में यह आयोजन करके टीएमसी गंदी राजनीति कर रही है. टीएमसी को देश की जनता मुंहतोड़ देगी.