लंदन : कोरोना वायरस के संक्रमण को काबू पाने के लिए दुनिया के कई देश प्रयास कर रहे हैं. कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर कई दावे सामने आ रहे हैं, पर अभी तक वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक कोविड-19 का टीका या इसका बेहद कारगर इलाज नहीं मिल जाता तब तक अधिक से अधिक लोगों की जांच, संदिग्ध रोगियों का पता लगाने, शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने और छोटे-छोटे प्रयास करके इसे काबू में रखा जा सकता है.
‘लांसेट इन्फेक्शियस डिजीज’ पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम में यह उपाय सबसे कारगर साबित हो सकते हैं. अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 को खतरनाक स्तर पर पहुंचने से रोकने के लिये अधिक से अधिक लोगों को पृथक रखने की जरूरत है. ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं समेत विभिन्न शोधकर्ताओं ने एक उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि हर दिन लक्षण वाले पांच हजार लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं तो प्रतिदिन, उनके संपर्क में आए 1,50,000 से 2,00,000 लोगों को पृथक करना होगा.
उन्होंने कहा कि यह पहला ऐसा शोध है जिसमें, व्यक्तिगत स्तर पर संक्रमण को रोकने के लिये उठाए जा रहे कारगर उपायों के प्रभाव का पता लगाया गया है. शोधकर्ताओं ने अपने शोध के दौरान ब्रिटेन में कोविड-19 के बाद बाहर निकले और अन्य लोगों से मिले 40,162 लोगों पर अध्ययन के बाद यह बात कही.
इस दौरान उन्होंने पाया कि कैसे अधिक से अधिक जांच करने, शारीरिक दूरी रखने, संदिग्ध रोगियों का पता लगाने, दूर-दराज के इलाकों में संक्रमितों का पता लगाने, विभिन्न सभाओं में लोगों की संख्या सीमित करने जैसे कदमों से संक्रमण के प्रसार को कम किया जा सकता है.
देश में कोरोना से मौत का रिकॉर्ड बन गया है. पिछले 24 घंटे में 2000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद आंकड़ा बढ़कर 11903 पर पहुंच चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में कोरोना मरीजों की संख्या 3 लाख 54 हजार से अधिक हो गई है.
बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. राज्य में मंगलवार को 74 नये कोरोना मरीज मिले. इसके साथ ही बिहार में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 6736 पहुंच गयी है. बिहार स्वास्थ्य विभाग ने इस बात की जानकारी दी