नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के संकट से निबटने में एकजुटता दिखाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रात नौ बजे, नौ मिनट के लिए लाइटें बंद कर दीये, मोमबत्ती आदि जला कर रोशनी करने का आह्वान किया है. ऐसे में अनुमान है कि नौ मिनट के अंदर देशभर में ग्रिड से बिजली की मांग में अचानक भारी गिरावट और फिर भारी बढ़ोतरी होगी, जिससे ग्रिड फेल का खतरा हो सकता है. बिजली की मांग में आनेवाले इस बदलाव से ग्रिड पर कोई असर नहीं पड़े, इसके लिए सरकार ने एक व्यापक योजना बनायी है. हालांकि केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने कहा कि है ग्रिड उतार-चढ़ाव झेलने में सक्षम हैं और लोगों के लाइटें बुझाने से कोई समस्या नहीं होगी.
अलबत्ता बिजली की मांग अंतर कम से कम हो, इसके लिए अपील की गयी है कि लोग रात को नौ बजे से 9.09 बजे तक घर की सिर्फ लाइटें बंद करें. एसी, टीवी, रेफ्रिजरेटर जैसे बिजली उपकरण चलाये रखें. इसके अलावा सभी आवश्यक सेवाओं जैसे अस्पताल, थाने, फैक्ट्रियों के साथ स्ट्रीट लाइटें बंद नहीं होंगी. ग्रिड का प्रबंधन करनेवाली एजेंसी पावर सिस्टम आपरेशन कॉरपोरेशन ने अखिल भारतीय स्तर पर लोड में उतार-चढ़ाव का आकलन किया है. उसका अनुमान है कि कुल लोड 125-126 गीगावॉट में से 12-13 गीगावॉट की कमी दो से चार मिनट के अंदर होगी. यह नौ मिनट बाद, दो से चार मिनट में ही फिर बढ़ जायेगी. सभी क्षेत्रीय इकाइयों को सलाह दी गयी है कि वे ग्रिड के साथ अपने इंटरचेंज को सारिणी के अनुसार ही कायम रखें. वितरण कंपनियों से कहा गया है कि वे रात आठ से दस बचे तक फीडर बदलने से बचें.
इसके अलावा राष्ट्रीय और सभी क्षेत्रीय-राज्य लोड केंद्रों के नियंत्रण कक्ष के कर्मचारियों को बढ़ाया जायेगा और किसी भी आपात स्थिति से निबटने को ग्रिडों की गहन निगरानी की जायेगी. उन्होंने बताया कि शाम को व्यस्त घंटों में 6.10 बजे से आठ बजे तक पन बिजली उत्पादन को घटाया जायेगा. व्यस्त घंटों के बाद ताप इंटर-स्टेट जेनरेटिंग स्टेशनों में उत्पादन को धीरे-धीरे घटा कर 8.55 बजे तकनीकी न्यूनतम स्तर 60 प्रतिशत के करीब लाया जायेगा. पन बिजली और गैस बिजली उत्पादन को 8.57 बजे से घटाया जायेगा. इस दौरान प्रणाली की फ्रीक्वेंसी पर नजर रखी जायेगी. 9.05 बजे से ताप मशीनों से उत्पादन बढ़ाने का काम किया जायेगा. इसके बाद 9.09 बजे से लोड में बढ़ोतरी की जरूरत को पूरा करने के लिए पनबिजली उत्पादन बढ़ाया जायेगा. वोल्टेज में उतार-चढ़ाव रोकने के लिए अखिल भारतीय ग्रिड की फ्रीक्वेंसी को संभव निचले स्तर पर रखा जायेगा.