राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन करने का आज आखिरी दिन, तीन जून तक नाम लिये जाएंगे वापस
राज्यसभा के कुल सदस्यों की संख्या 250 है. इसमें से करीब 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामित करते हैं, जबकि 238 सदस्यों के लिए भारत का निर्वाचन आयोग चुनाव कराता है. किस राज्य से राज्यसभा के कितने सदस्य होंगे, यह उसकी जनसंख्या पर निर्भर करता है.
नई दिल्ली : भारत के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है. एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और तीन जून तक नाम वापस लिये जा सकेंगे. इसके लिए 10 जून को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक चुनाव होगा और उसी दिन मतगणना भी हो जाएगी. मौजूदा परंपरा के अनुसार, मतदान समाप्त होने के एक घंटे बाद मतगणना होगी. राज्यसभा चुनाव के लिए 24 मई को अधिसूचना जारी की गई थी और उसी दिन से नामांकन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी. निर्वाचित होने वाले अधिकांश नए सदस्यों के जुलाई में किसी समय होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने की संभावना है.
किसी राज्य में कितनी सीटें
जनसंख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जहां राज्यसभा की कुल 31 सीटें हैं. इस बार के चुनाव में उत्तर प्रदेश की 11 सीटों के लिए चुनाव हो रहा है. इसके अलावा, जिन अन्य राज्यों में राज्यसभा के लिए चुनाव हो रहा है, उनमें तमिलनाडु-महाराष्ट्र की 6-6, बिहार की 5, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक की 4-4, मध्य प्रदेश-ओडिशा की 3-3, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और हरियाणा की 2-2 और उत्तराखंड की एक सीट शामिल हैं.
कांग्रेस के पी चिदंबरम, जयराम रमेश और तन्खा समेत कई नेताओं ने भरा पर्चा
राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से सोमवार को पार्टी के प्रत्याशियों पी चिदंबरम, जयराम रमेश, विवेक तन्खा और इमरान प्रतापगढ़ी समेत कई नेताओं ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. कांग्रेस ने पी चिदंबरम को तमिलनाडु से, जयराम रमेश को कर्नाटक से, अजय माकन को हरियाणा से और रणदीप सुरजेवाला को राजस्थान से उम्मीदवार बनाया गया है. इसके साथ ही, पार्टी ने मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को राजस्थान से, विवेक तन्खा को मध्य प्रदेश से, राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन को छत्तीसगढ़ से तथा इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया है.
प्रत्येक दो साल पर क्यों कराया जाता है चुनाव
भारत में करीब 200 साल से अधिक समय तक शासन करने वाले अंग्रेजों ने वर्ष 1919 एक ऊपरी सदन बनाया था. उस समय इसे काउंसिल ऑफ स्टेट कहा जाता था. वर्ष 1947 में अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी मिलने के बाद 3 अप्रैल 1952 को राज्यसभा का गठन किया गया. 23 अगस्त 1954 को इसका नाम काउंसिल ऑफ स्टेट से बदलकर राज्यसभा किया गया था. राज्यसभा कभी भंग नहीं की जाती. इसके सदस्यों का कार्यकाल छह साल का होता है. इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक दो साल के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं. इसीलिए प्रत्येक दो साल पर राज्यसभा का चुनाव कराया जाता है.
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राज्यसभा में कुल कितने सदस्य होते हैं
राज्यसभा के कुल सदस्यों की संख्या 250 है. इसमें से करीब 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामित करते हैं, जबकि 238 सदस्यों के लिए भारत का निर्वाचन आयोग चुनाव कराता है. किस राज्य से राज्यसभा के कितने सदस्य होंगे, यह उसकी जनसंख्या पर निर्भर करता है. राज्यसभा चुनाव के लिए केवल राज्यों की विधानसभा के विधायक ही मतदान कर सकते हैं. विधायकों के वोटों का मूल्य उनके निर्वाचन क्षेत्र की जनसंख्या के आधार पर तय किया जाता है. जनसंख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की सबसे अधिक सीटें हैं, जबकि तमिलनाडु में 18 सीटों पर चुनाव होता है. इसके अलावा, कई ऐसे राज्य हैं, जहां राज्यसभा की केवल एक ही सीट है.