नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्कूली शिक्षा पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपनी बात रखी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 (NEP-2020) के तहत उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा, यह नीति नए भारत की, नई उम्मीदों की और नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है. इसके पीछे पिछले चार-पांच वर्षों की कड़ी मेहनत है. हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन-रात काम किया है.
हमारे देश में Learning Driven Education की जगह Marks और Marks-Sheet Education हावी है।
आज सच्चाई ये है कि मार्क्सशीट, मानसिक प्रेशरशीट बन गई है।
पढ़ाई से मिल रहे इस मेंटल स्ट्रेस से बच्चों को निकालना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक मुख्य उद्देश्य है। #ShikshakParv pic.twitter.com/22JQ0O0drV
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा, जैसा बचपन होगा, भविष्य काफी कुछ उसी पर निर्भर करता है . इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों की शिक्षा पर बहुत ज्यादा जोर है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी के विकास को एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में लिया जाएगा. बच्चा आगे जाकर सीखने के लिए पढ़ें इसके लिए जरूरी है कि शुरुआत में वो सीखे औऱ पढ़ें हमें अपने विद्यार्थी को 21 वीं सदी की स्कील के साथ आगे बढ़ाना है.
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देश की शिक्षा व्यस्था का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हमारे देश में लर्निंग ड्रिवेन एजुकेशन की जगह नंबर और मार्क शीट की शिक्षा हावी है. आज सच्चाई ये है कि मार्क्सशीट, मानसिक प्रेशरशीट बन गई है. पढ़ाई से मिल रहे इस मेंटल स्ट्रेस से बच्चों को निकालना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक मुख्य उद्देश्य है भाषा शिक्षा का माध्यम है.
भाषा शिक्षा का माध्यम है, भाषा ही सारी शिक्षा नहीं है।
जिस भी भाषा में बच्चा आसानी से सीख सके, चीजें Learn कर सके, वही भाषा पढ़ाई की भाषा होनी चाहिए।
इसलिए कम से कम ग्रेड फाइव तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा या स्थानीय भाषा रखने की बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कही गई है। pic.twitter.com/BWbLJc6zWD
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2020
भाषा ही सारी शिक्षा नहीं है.जिस भी भाषा में बच्चा आसानी से सीख सके, चीजें समझ सके, वही भाषा पढ़ाई की भाषा होनी चाहिए. इसलिए कम से कम ग्रेड फाइव तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा या स्थानीय भाषा रखने की बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कही गई है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak