आज 3 युद्धपोतों को देश को समर्पित करेंगे पीएम मोदी, भारतीय नौसेना की ताकत में होगा इजाफा 

PM Modi: इन तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों का जलावतरण भारत के रक्षा निर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

By Aman Kumar Pandey | January 15, 2025 9:07 AM

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के दौरे पर हैं और सुबह करीब 10:30 बजे मुंबई के नेवी डॉकयार्ड में नौसेना के तीन प्रमुख युद्धपोतों, INS सूरत, INS नीलगिरी, और INS वाघशीर, को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. पीएम मोदी ने सोमवार को इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा था कि इन युद्धपोतों के नौसेना में शामिल होने से भारत की रक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की कोशिशों को मजबूती मिलेगी और आत्मनिर्भरता के प्रयासों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने इंडियन नेवी के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि 15 जनवरी 2025 का दिन नौसेना क्षमताओं के लिए विशेष होगा, जब तीन फ्रंटलाइन युद्धपोत हमारी ताकत में इजाफा करेंगे.

INS सूरत, P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम पोत है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े और परिष्कृत विध्वंसक युद्धपोतों में से एक माना जाता है. इस पोत की खास बात यह है कि इसमें 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, और यह अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर पैकेज, और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है.

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INS नीलगिरी, P17A स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला युद्धपोत है, जिसे भारतीय नौसेना के डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है. यह पोत उन्नत स्टील्थ तकनीक और बढ़ी हुई समुद्री दक्षता के साथ नौसेना में शामिल किया गया है, जो स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है.

INS वाघशीर, P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट की छठी और अंतिम पनडुब्बी है, जो पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाती है. इसका निर्माण फ्रांस के नेवी ग्रुप के सहयोग से किया गया है. यह पनडुब्बी दुश्मन के रडार से बचने, इलाके की निगरानी करने, खुफिया जानकारी एकत्र करने, और उच्च तकनीकी ध्वनि नियंत्रण जैसी क्षमताओं से सुसज्जित है. साथ ही, इसमें 18 टारपीडो और एंटी-शिप मिसाइलों का उपयोग कर सतह और पानी के नीचे दुश्मनों पर सटीक हमले की क्षमता है.इन तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों का जलावतरण भारत के रक्षा निर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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