केंद्र सरकार ने टोल प्लाजा को लेकर बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि आने वाले दो सालों में टोल प्लाजा पूरी तरह खत्म कर दिये जायेंगे, सरकार के इस फैसले से वाहन स्वतंत्र रूप से चल सकेंगे. गडकरी ने कहा, इसमें दो सालों का वक्त लगेगा सरकार ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम को अंतिम रूप देने का फैसला लिया है. सरकार ने लिया बड़ा फैसला टोल प्लाजा खत्म होने से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
टोल प्लाजा खत्म होंगे पैसे कटते रहेंगे
टोल प्लाजा खत्म होने के यह मतलब नहीं है कि आपको पैसे नहीं देने होंगे. केंद्र सरकार ने आपके जेब से पैसे निकालने का हाईटेक तरीका निकाला है, आपके पैसे देने के लिए रूकने की जरूरत नहीं है. GPS सिस्टम पूरी तरह लागू होने के बाद सभी सभी कॉमर्शियल वाहन ट्रैंकिग सिस्टम से लैस होंगे.
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सरकार की बढ़ जायेगी आमदनी
सरकार उम्मीद जता रही है कि इस फैसले से उनकी आय पांच साल में 1.34 ट्रिलियन तक बढ़ सकती है. मंत्री ने कहा, “कल सड़क परिवहन और राजमार्ग और अध्यक्ष, एनएचएआई की मौजूदगी में, टोल संग्रह के लिए जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करके एक प्रस्तुति दी गई थी. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले पांच सालों में हमारी टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपए होगी.”
ईधन की बचत होगी, प्रदूषण कम होगा
देश भर में वाहनों के लिए फास्टैग पहले ही जरूरी कर दिया गया है, हालांकि कई जगहों पर अभी भी कर्मचारी टोल लेते हैं. सरकार इस तरफ भी ध्यान दे रही है कि कैसे सभी वाहनों को इससे जोड़ा जाये. सरकार का तर्क है कि इससे ईधन की कमी हुई है और प्रदूषण भी कम हुआ है.
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सरकार के इस कदम से कैशलैस लेनदेन को भी बढ़ावा मिल रहा है. फास्टैग का उपयोग भी पिछले कुछ महीनों में बढ़ा है. नवंबर में जारी किए गए NHAI के एक बयान के मुताबिक, फैस्टैग अब तक के कुल टोल कलेक्शन में लगभग तीन-चौथाई का योगदान देता है. वहीं, एक साल पहले ₹ 70 करोड़ की तुलना में ₹ 92 करोड़ पर था.