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दिशा रवि के सहयोगी शांतनु मुलुक को बंबई हाई कोर्ट से मिली अग्रिम ट्रांजिट बेल
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निकिता जैकब की जमानत अर्जी पर कल सुनवाई करेगा बंबई हाई कोर्ट
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दिल्ली पुलिस ने दी सफाई कहा- दिशा की गिरफ्तारी में कानून का पालन हुआ
Toolkit Case नयी दिल्ली : टूलकिट मामले में दिशा रवि (Disha Ravi) की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उनके सहयोगी शांतनु और निकिता जैकब पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुलिस ने दोनों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट ले लिया है. दोनों ने बंबई हाई कोर्ट (Bombay High Court) में अग्रिम ट्रांजिट बेल के लिए आवेदन किया था. शांतनु को कोर्ट से 10 दिनों के लिए अग्रिम ट्रांजिट बेल मिल चुकी है, जबकि निकिता की अर्जी पर कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा.
निकिता और शांतनु दोनों उस व्हाट्सअप ग्रुप के सदस्य बताये जा रहे हैं, जिसे दिशा रवि ने तैयार किया था. शांतनु की तलाश में दिल्ली पुलिस ने महाराष्ट्र के बीड में उसके घर पर छापा भी मारा था, लेकिन शांतनु वहां नहीं मिला. पुलिस ने शांतनु के परिवार वालों से भी पूछताछ की है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि टूलकिट तैयार करने में निकिता की तरह शांतनु ने भी दिशा की मदद की थी. शांतनु पेशे से मैकनिकल इंजीनियर है.
शांतनु के खिलाफ बीड में भी केस दर्ज किया गया है. इधर पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया है. विपक्ष मोदी सरकार पर आरोप लगा रहा है. जबकि आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने दिशा को गलत ढंग से गिरफ्तार किया है. आप का कहना है कि बिना ट्रांजिट रिमांड के पुलिस दिशा को गिरफ्तार कर दिल्ली लेकर आई है. कई संगठनों को दिशा को रिहा करने की मांग की है.
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि दिशा ने मुंबई की वकील निकिता जैकब एवं पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक के साथ मिलकर भारत की छवि खराब करने के लिए टूलकिट बनाया और अन्य के साथ साझा किया. पुलिस का दावा है कि रवि ने इस टूलकिट को टेलीग्राम के जरिए जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को भेजा और कथित अपराध में साथ भी दिया.
वहीं, दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर दिशा रवि को अदालत में पेश करने से पहले कथित तौर पर उनकी पसंद का वकील मुहैया नहीं कराने पर रिपोर्ट तलब की है. मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए महिला आयोग ने कहा कि रवि को पुलिस बेंगलुरु से गिरफ्तार कर दिल्ली लाई लेकिन उनके ठिकाने की जानकारी माता-पिता तक को नहीं दी गयी. आयोग ने कहा कि यह भी आरोप है कि पुलिस ने दिल्ली लाने से पहले रवि को बेंगलुरु की अदालत में ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश नहीं किया.
Posted By: Amlesh Nandan.