Disha Ravi के समर्थन में ट्वीट करना ब्रिटिश सांसद को पड़ा महंगा, Indian High Commission ने लिखा Open Letter
Toolkit case: भारत में चल रहे किसान आंदोलन के मामले में ब्रिटिश सांसद क्लाउडिया वेब्बे (British MP claudia Webbe) को खुला पत्र लिखा गया है. भारत में कृषि कानूनों (protest against Farm bill) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (farmers protest) का समर्थन करने पर गिरफ्तार किये गये कार्यकर्ताओं का समर्थन करने वाली ब्रिटिश सांसद क्लाउडिया वेब्बे को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग (Indian high commission london) ने खुल पत्र लिखा है. क्लाउडिया वेब्बे ने हाल ही बेंगलुरु से गिरफ्तार की गयी जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध किया था और ट्वीट कर कहा था कि इस मुद्दे पर खामोश नहीं बैठना चाहिए.
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ब्रिटिश सांसद क्लाउडिया वेब्बे को भारतीय उच्चायोग ने लिखा खुला पत्र
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क्लाउडिया वेब्बे ने दिशा रवि के समर्थन में किया था ट्वीट
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दिशा रवि की गिरफ्तारी का किया था विरोध
भारत में चल रहे किसान आंदोलन के मामले में ब्रिटिश सांसद क्लाउडिया वेब्बे को खुला पत्र लिखा गया है. भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने पर गिरफ्तार किये गये कार्यकर्ताओं का समर्थन करने वाली ब्रिटिश सांसद क्लाउडिया वेब्बे को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने खुल पत्र लिखा है. क्लाउडिया वेब्बे ने हाल ही बेंगलुरु से गिरफ्तार की गयी जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध किया था और ट्वीट कर कहा था कि इस मुद्दे पर खामोश नहीं बैठना चाहिए.
क्लाउडिया वेब्बे पूर्वी इंग्लैंड में एक अहम ब्रितानी भारतीय निर्वाचन क्षेत्र लीसेस्टर ईस्ट का प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद और विपक्षी लेबर पार्टी की सदस्य हैं. उन्होंने भारत में विरोध प्रदर्शनों को लेकर ब्रिटेन की सरकार द्वारा बयान जारी किए जाने की अपील करने वाली ई-याचिका को समर्थन दिया है. इस याचिका पर एक लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. किसी भी याचिका पर ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ के वेस्टमिंस्टर हॉल में बहस के लिए कम से कम एक लाख हस्ताक्षरों की आवश्यकता होती है.
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उन्होंने ‘टूलकिट’ मामले में भारत में गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की हाल में सोशल मीडिया के जरिए मांग की थी. इस मामले में हाल में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया है और वकील निकिता जैकब एवं इंजीनियर शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं. भारतीय मिशन ने सोमवार शाम को लिखे एक खुले पत्र में वेब्बे से कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के ब्रितानी नागरिकों की ओर से कोई भी आपत्ति सीधे उच्चायोग के सामने उठाएं.
पत्र में कहा गया है कि हमने हालिया भारतीय कृषि कानूनों के संबंध में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने के लिए विस्तृत एवं समग्र स्पष्टीकरण दिया है. इस कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान समुदाय का एक छोटा सा समूह प्रदर्शन कर रहा है.” इसमें कहा गया है खइ इस बात पर जोर दिया जाता है कि भारत में किसानों की रक्षा करने और उन्हें सशक्त बनाने के इरादे से लागू किए गए सुधार, समितियों की सिफारिशों एवं विशेषज्ञों से मिली जानकारियों पर आधारित हैं. इन समितियों और विशेषज्ञों ने पिछले 20 साल से अधिक समय से भारत के कृषि क्षेत्र में विशेष चुनौतियों का विश्लेषण किया है.
पत्र में कहा गया है कि कृषि कानूनों पर भारत की संसद में उचित प्रक्रिया के अनुसार चर्चा और बहस की गई और उनके लाभ 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तत्काल पहुंचने शुरू हो गए हैं. इन सुधारों को लागू किए जाने के बाद से इसके कुशल क्रियान्वयन को लेकर किसानों एवं अन्य पक्षकारों के साथ वार्ताएं की गई हैं.” पत्र में कहा गया है कि सांसद के साथ विस्तृत जानकारी साझा की जा रही है, ताकि सुधारों के उद्देश्य, शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन को लेकर आशंका करने वालों की क्षमता और सर्वाधिक स्वीकार्य तरीके से प्रदर्शनकारी किसान संगठनों की चिंताओं को दूर करने की भारत सरकार की इच्छा के संबंध में हर गलतफहमी दूर की जा सके. (भाषा इनपुट के आधार पर)
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Posted By: Pawan Singh