Toolkit case: आरोपी निकिता जैकब ने किया दिल्ली हाई कोर्ट का रुख, अग्रिम जमानत पर कल होगी सुनवाई
Toolkit case नयी दिल्ली : टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब (Nikita Jacob) ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया. हाई कोर्ट में मंगलवार को अग्रिम जमानत पर सुनवाई होगी. किसान आंदोलन के बहाने देश की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप में पुलिस को निकिता जैकब की तलाश है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पिछले महीने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था. दिशा को दिल्ली की ही एक अदालत ने जमानत दे दी है.
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टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब ने दिल्ली हाई कोर्ट में दी जमानत की अर्जी.
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पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को भी दिल्ली की अदालत से ही मिली थी जमानत.
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दिल्ली के एक कोर्ट ने तीसरे आरोपी शांतनु मुलुक पर कार्रवाई पर नौ मार्च तक लगाया है रोक.
Toolkit case नयी दिल्ली : टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब (Nikita Jacob) ने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया. हाई कोर्ट में मंगलवार को अग्रिम जमानत पर सुनवाई होगी. किसान आंदोलन के बहाने देश की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप में पुलिस को निकिता जैकब की तलाश है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पिछले महीने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था. दिशा को दिल्ली की ही एक अदालत ने जमानत दे दी है.
इधर 25 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत इसी मामले में शांतनु मुलुक को गिरफ्तारी से नौ मार्च तक के लिए राहत दी है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कार्यकर्ता को गिरफ्तारी से उस वक्त राहत दी जब दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे मुलुक की अंतरिम जमानत याचिका पर विस्तार से जवाब दाखिल करने के लिए पूछताछ के वास्ते और वक्त चाहिए. इस पर न्यायाधीश ने पुलिस को मुलुक के खिलाफ नौ मार्च तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिये.
मामले की अगली सुनवाई नौ मार्च को होगी. मुलुक, दिशा रवि और निकिता जैकब के खिलाफ राजद्रोह और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. दिशा के मामले में अदालत ने कहा कि पुलिस द्वारा पेश किये गये साक्ष्य ‘अल्प एवं अधूरे’ हैं. अदालत ने कहा कि पेश किये गये सबूत 22 वर्षीय युवती को हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त नहीं है जिसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है. न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक राष्ट्र में नागरिक सरकार की अंतरात्मा के संरक्षक होते हैं. उन्हें केवल इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वे सरकार की नीतियों से असहमत हैं.
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अदालत ने रवि को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत भरने पर यह राहत दी. अदालत ने कहा कि उदासीन और मौन नागरिकों की तुलना में जागरूक एवं प्रयासशील नागरिक निर्विवाद रूप से एक स्वस्थ और जीवंत लोकतंत्र का संकेत है. बेंगलुरु की रहने वाली दिशा को अदालत के आदेश के कुछ ही घंटों बाद मंगलवार रात तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया. दिशा को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने 13 फरवरी को उनके बेंगलुरु स्थित घर से गिरफ्तार किया था.
बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में दिशा की मां मंजुला ने कहा कि मुझे खुशी है कि उसे जमानत मिल गई. इसने व्यवस्था में हमारा विश्वास मजबूत किया है. दिशा के पिता रवि भी इस दौरान मौजूद थे. मंजुला ने कहा कि उनकी बेटी बार-बार उन्हें मजबूत रहने के लिए कह रही थी. इस बात पर जोर देते हुए कि उनकी बेटी ने कुछ भी गलत नहीं किया है, मंजुला ने उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया, जो संकट के समय में दिशा के साथ खड़े रहे.
Posted By: Amlesh Nandan.