‘देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी, कहीं वैक्सीन की उपलब्धता नहीं तो कहीं आपूर्ति सीमित’
डॉ कांग ने आगे कहा, 'हमारे पास दूसरा विकल्प भी है, यदि हम उसे कर पा सकते हैं तो और वह यह है कि हमें टीकों का आयात करना होगा. हालांकि, पूरी दुनिया में टीकों की कमी है. फिलहाल, केवल रूस और चीन के ही टीके उपलब्ध हैं. इसलिए हमें यह तय करना होगा कि भारतीय कंपनियों द्वारा स्वदेशी टीकों का जरूरत के हिसाब से उत्पादन बढ़ाए जाने तक किस टीके की खरीद करनी है.'
नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से मेडिकल ऑक्सीजन पर गठित समिति की सदस्य और टॉप वायरोलॉजिस्ट डॉ गगनदीप कांग ने मंगलवार को देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार बहुत धीमी है. कहीं इसकी उपलब्धता नहीं है, तो कई सप्लाई सीमित है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कहां तो अधिक खुराक उपलब्ध होने की उम्मीद की जा रही थी, जो अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे कंपनियां उत्पादन बढ़ाएंगी, टीकाकरण में भी तेजी आएगी.
डॉ कांग ने आगे कहा, ‘हमारे पास दूसरा विकल्प भी है, यदि हम उसे कर पा सकते हैं तो और वह यह है कि हमें टीकों का आयात करना होगा. हालांकि, पूरी दुनिया में टीकों की कमी है. फिलहाल, केवल रूस और चीन के ही टीके उपलब्ध हैं. इसलिए हमें यह तय करना होगा कि भारतीय कंपनियों द्वारा स्वदेशी टीकों का जरूरत के हिसाब से उत्पादन बढ़ाए जाने तक किस टीके की खरीद करनी है.’
समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा कि हमें यह भी उम्मीद करनी होगी कि देश में मौतें कम हों. आने वाले दो-तीन हफ्तों में इसके नतीजे दिखने शुरू हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि उम्मीद करनी चाहिए कि मौतें स्थिर होंगी और अगर नहीं होती हैं, तो हमारे रिपोर्टिंग सिस्टम में कहीं न कहीं कोई कमी जरूर है.
Vaccination is slow as there's no or limited supply. There were supposed to be more doses available &those haven't yet become available. As companies ramp up production, vaccination will go up: Dr Gagandeep Kang, top virologist & member of SC-appointed committee on medical oxygen pic.twitter.com/y58cfiFKMI
— ANI (@ANI) May 25, 2021
डॉ कांग ने कहा, ‘मैं नहीं समझती कि ब्लैक फंगस का वेरिएंट से कोई संबंध है.’ उन्होंने कहा कि इससे जुड़े हुए कई मामले हमारे सामने आए हैं. हम स्वतंत्र रूप से स्टेरॉयड का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह बात दीगर है कि डायबिटीज के रोगियों की वजह से जोखिम में इजाफा हुआ है.
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और कनाडा में बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है और दूसरे देश भी इसे शुरू करने वाले हैं. दुनिया के ज्यादातर देश भी यथासंभव अपनी आबादी को इम्यूनाइज कर ही लेंगे, तब दुनिया के बाकी देशों में वैक्सीन आसानी से उलब्ध होने लगेगी.
Posted by : Vishwat Sen