Train Accident: रेलवे अधिकारियों के अनुसार, घटना शुक्रवार सुबह करीब 4.50 बजे हुई जब नियमित ड्यूटी पर तैनात महादेव ने क्षेत्र में पटरी के जोड़ पर अधूरी वेल्डिंग देखी. उस समय तिरुवनंतपुरम-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस इस मार्ग पर आ रही थी. महादेव ने खतरे को भांपते हुए तुरंत ट्रेन रोकने के लिए कुमटा स्टेशन से संपर्क किया. हालांकि, ट्रेन पहले ही स्टेशन से निकल चुकी थी और खतरनाक खंड की ओर तेजी से बढ़ रही थी. महादेव ने बिना किसी डर के सीधे ट्रेन चालक (लोको पायलट) से संपर्क करने का बहुत प्रयास किया, लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका.
पटरियों पर भागकर राजधानी एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया
ट्रैकमैन ने फिल्मी अंदाज में हजारों लोगों की जान बचा दी. उसके पास कुछ करने के लिए अब कुछ मिनट ही बचे थे, ऐसे में उन्होंने तुरंत दूसरा निर्णय लिया. वह पटरियों पर तेजी से दौड़ा और केवल पांच मिनट में आधा किलोमीटर की दूरी तय कर ली. अधिकारियों ने बताया कि ऐन वक्त पर उन्होंने ट्रेन को लाल झंडी दिखाकर रोक दिया और संभावित आपदा को टाल दिया.
ट्रैक दुरुस्त करने के बाद ट्रेन को किया गया रवाना
वेल्डिंग का काम पूरा होने के बाद राजधानी एक्सप्रेस सुरक्षित रूप से कारवार के लिए फिर से रवाना हुई. कोंकण रेलवे जोन के अधिकारियों ने महादेव की सराहना करते हुए उन्हें एक नायक करार दिया. उनकी इस बहादुरी पर कोंकण रेलवे के सीएमडी संतोष कुमार झा ने उन्हें 15000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया.