Tractor Rally News : ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों ने जारी किया गाइडलाइन, जानें क्या करना है क्या नहीं
tractor rally guidelines, tractor rally live, Tractor Rally News 26 जनवरी ट्रैक्टरी रैली को लेकर किसानों ने गाइडलाइन जारी किया है. किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड में शामिल होने वाले लोगों से 24 घंटे के लिए राशन उपलब्ध रखने के साथ ही परेड के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की.
26 जनवरी ट्रैक्टरी रैली को लेकर किसानों ने गाइडलाइन जारी किया है. किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड में शामिल होने वाले लोगों से 24 घंटे के लिए राशन उपलब्ध रखने के साथ ही परेड के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की.
ये है गाइडलाइन
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किसानों के पास हथियार या शराब रखने पर पाबंदी
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एक किसान नेता ने बताया कि किसी भी किसानों के पास रैली के दौरान हथियार या शराब नहीं होनी चाहिए.
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भड़काऊ संदेश वाले बैनर की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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परेड के दौरान किसान नेता अपनी कार में सबसे आगे चलेंगे.
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किसान नेताओं ने कहा कि प्रत्येक ट्रैक्टर पर तिरंगा झंडा लगा रहेगा.
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ट्रैक्टर रैली के दौरान लोक संगीत एवं देशभक्ति गीत बजेंगे.
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प्रत्येक ट्रैक्टर पर केवल पांच लोगों के सवार होने की अनुमति रहेगी.
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एक किसान नेता ने कहा, ठंड को देखते हुए सभी अपनी जैकेट एवं कंबल आदि साथ रखें और सभी को अपनी परेड की शुरुआत के स्थान पर वापस आना है.
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परेड शुरू करने के लिए तीन स्थान तय किए गए हैं जिनमें सिंघू, टीकरी एवं गाजीपुर बॉर्डर शामिल हैं.
गौरतलब है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड सिंघू बॉर्डर से शुरू होगी और संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, कंझावला, बवाना, औचंदी बॉर्डर एवं कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे से गुजरेगी और सिंघू बॉर्डर लौटेगी. यह करीब 62 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. उन्होंने कहा कि किसान ट्रैक्टर के साथ टिकरी बॉर्डर से रवाना होंगे और नांगलोई, नजफगढ़, झड़ौदा, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे होते हुए वापस टीकरी बॉर्डर को लौटेंगे.
गाजीपुर बॉर्डर से शुरू होने वाली परेड अप्सरा बॉर्डर, हापुड़ रोड, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे होते हुए वापस गाजीपुर बॉर्डर पर समाप्त होगी. इन किसानों का समूह 46 किलोमीटर की दूरी तय करेगा.
मालूम हो नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं. किसान संगठनों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों से मंडी और एमएसपी खरीद की व्यवस्था समाप्त हो जाएंगी तथा किसान बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे.
Posted By – Arbind kumar mishra