17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जा रही थी ट्रेन, हादसे से बचने के लिए ‘कवच’ ने लगाया अचानक ब्रेक

रेलवे के पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रक्रिया में भाग लेने वाले इंजीनियरों और अधिकारियों को यह जानकर खुशी हुई कि इंजन लाल सिग्नल से 30 मीटर पहले रुक गया. यह अन्य सुरक्षा मानकों पर भी खरा उतरा.

ट्रेन दुर्घटना को लेकर रेलवे सतर्क होती जा रही है. इस क्रम में उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल ने एक खुशखबरी दी है. जी हां…आगरा मंडल की ओर से कहा गया है कि 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले एक सेमी-हाई स्पीड इंजन में ट्रेनों की टक्कर होने से बचाने की टेक्निक यानी ‘कवच’ के ब्रेकिंग मापदंडों की दक्षता की जांच की गई. इसका रिजल्ट पॉजिटिव आया है. यानी ट्रेनों के बीच होने वाली टक्कर के मामले में कमी देखने को मिलेगी.

अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा ‘कवच’ को डेवलप किया गया है. इसके तहत ट्रेन ड्राइवर के समय पर हरकत में आने में विफल रहने पर आपात स्थिति में स्वत: ब्रेक लगाने में कामयाबी मिल सकती है. आपको बता दें कि भारतीय रेलवे परिचालन सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने नेटवर्क पर इस प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया में है.

आगरा रेल मंडल की ओर से क्या बताया गया

आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर मध्य रेलवे के उप मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर कुश गुप्ता की देखरेख में एक सेमी-हाई स्पीड इंजन डब्ल्यूएपी-5 को ‘कवच’ प्रणाली से लैस किया गया और 19 जनवरी को पलवल-मथुरा खंड पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से इसका परिचालन किया गया. उन्होंने कहा कि इंजन चालक को आगे लाल सिग्नल देखने पर ब्रेक नहीं लगाने के लिए कहा गया था. हम यह देखना चाहते थे कि क्या ‘कवच’ प्रणाली अपने आप ब्रेक लगाएगी और इंजन को सिग्नल से पहले रोक देगी.

160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्री डिब्बों को खींचने में सक्षम

पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रक्रिया में भाग लेने वाले इंजीनियरों और अधिकारियों को यह जानकर खुशी हुई कि इंजन लाल सिग्नल से 30 मीटर पहले रुक गया. यह अन्य सुरक्षा मानकों पर भी खरा उतरा. डब्ल्यूएपी-5 लोकोमोटिव 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्री डिब्बों को खींचने में सक्षम है और इसका उपयोग शताब्दी और गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में किया जाता है. परीक्षण सुबह 10 बजे उत्तर प्रदेश के वृन्दावन से शुरू हुआ और तय समय के मुताबिक डाउन लाइन दिशा में हरियाणा के पलवल में दोपहर एक बजकर 20 मिनट तक पूरा हो गया.

Also Read: Indian Railways: ट्रेनों में लगेगा कवच, ट्रैक के आसपास होगा गजराज सिस्टम, जानें कैसे करेगा काम

श्रीवास्तव के अनुसार, इस प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश लाइन दिशा में पलवल से वृन्दावन तक दोपहर दो बजे से तीन बजकर 35 मिनट के बीच दोहराया गया. अधिकारियों ने कहा कि अब मंडल जल्द यात्री डिब्बों के साथ ट्रेनों पर परीक्षण दोहराएगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें