पाकिस्तान के मुकाबले भारत में कम, लेकिन चीन से ज्यादा करप्शन, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में India 86वें पायदान पर
Transparency International Report कोरोना संकट के दौरान हुए करप्शन पर खास जोर देते हुए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से एक नयी रिपोर्ट जारी की गयी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे कम करप्शन वाले देश कोरोना वायरस और आर्थिक चुनौतियों से निपटने में सर्वश्रेष्ठ पाये गये है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के मुकाबले कम, लेकिन चीन के मुकाबले भारत में करप्शन ज्यादा है.
Transparency International Report कोरोना संकट के दौरान हुए करप्शन पर खास जोर देते हुए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से एक नयी रिपोर्ट जारी की गयी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे कम करप्शन वाले देश कोरोना वायरस और आर्थिक चुनौतियों से निपटने में सर्वश्रेष्ठ पाये गये है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के मुकाबले कम, लेकिन चीन के मुकाबले भारत में करप्शन ज्यादा है.
दरअसल, करप्शन को लेकर ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने ताजा इंडेक्स जारी किया है. यह संगठन दुनिया के 180 देशों में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के आधार पर उन्हें रैंकिंग देता है. इन देशों को 100 अंकों के आधार पर मूल्यांकन कर रैंकिंग दी जाती है. इस वर्ष जारी रैंकिंग में भारत 86वें, जबकि अमेरिका 67वें पायदान पर है. वहीं, इस साल अमेरिका की रैंकिंग में भी गिरावट दर्ज की गयी है. जिससे इस बात के संकेत मिलने का दावा किया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के शासन में देश में करप्शन बढ़ा है.
वहीं, इस इंडेक्स में 100 में से 88 अंक हासिल कर न्यूजीलैंड पहले पायदान पर है. जबकि, डेनमार्क भी शीर्ष पायदान पर न्यूजीलैंड के साथ है. टॉप 10 देशों में न्यूजीलैंड और डेनमार्क के बाद सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, नीदरलैंड्स, जर्मनी और लक्जेमबर्ग भी शामिल हैं. इंडेक्स में एशियाई देशों की रैंकिंग में भारत 86वें पायदान पर है. जबकि, 78वां रैंक लाने वाले चीन की स्थिति भारत से थोड़ी ठीक है. वहीं, पाकिस्तान 124वें और नेपाल 117वें स्थान पर है. रिपोर्ट में पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के मुकाबले भारत की स्थिति बहुत ठीक बतायी गयी है.
ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 की रिपोर्ट में भारत 81वें स्थान पर था. 2019 की रिपोर्ट में 78वें पायदान पर था. जबकि, 2020 की रिपोर्ट में 80वें पायदान पर पहुंचा था और अब 2021 की रिपोर्ट में 86वें पायदान पर पहुंच गया है. रिपोर्ट में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए निगरानी संस्थानों को मजबूत करना जरूरी बताया गया है. सरकार की ओर से खरीद प्रक्रिया को बेहद पारदर्शी बनाने पर भी जोर दिया गया है.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बर्लिन की संस्था है और इस साल मापदंडों में कोविड-19 महामारी से निपटने के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर खास जोर दिया गया है. संगठन ने पाया कि जिन देशों में भ्रष्टाचार के उच्च स्तर है वे कोरोना वायरस महामारी की चुनौती से निपटने में कम सक्षम रहे. भ्रष्टाचार के मामले में सबसे बेहतर रैंक वाले न्यूजीलैंड की स्थिति सबसे अच्छी है. यह देश कोरोना महामारी से निपटने में भी कामयाब रहा है, जिसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी न्यूजीलैंड की तारीफ की है.
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Upload By Samir Kumar