Railway: इंडियन रेलवे ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को क्यों देता है सफेद चादर? वजह जान हो जाएंगे हैरान 

Railway: भारतीय रेलवे सफर के दौरान आखिर क्यों यात्रियों को सफेद चादरें और कवर ही प्रदान करता है? आइए जानते हैं.

By Aman Kumar Pandey | August 28, 2024 10:37 AM

Railway: भारत में लंबी दूरी की यात्रा के लिए भारतीय रेलवे ( Indian Railway) लोगों की पसंद और सबसे लोकप्रिय साधन है. जब लंबी यात्राओं की बात आती है, तो यह स्वाभाविक है कि हमें यात्रा के दौरान भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं, जैसे कि चादरें और तकिए, का उपयोग करना पड़ता है. भारतीय रेलवे के वातानुकूलित (Air Conditioned) डिब्बों में यात्रा करने वाले कई लोग बेडरोल में दिए गए कंबल और तकिए का इस्तेमाल कर चुके होंगे. ये बेडशीट और तकिए के कवर प्रतिदिन धोए और साफ किए जाते हैं और हर यात्री के लिए नए दिए जाते हैं. क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि इन बेडशीट्स और तकिए के कवर का रंग हमेशा सफेद ही क्यों होता है? भारतीय रेलवे आखिर क्यों यात्रियों को सफेद चादरें और कवर ही प्रदान करता है? आइए जानते हैं.

इसे भी पढ़ें: Muslim: क्या आपको पता है भारत के किन 5 राज्यों में सबसे कम मुस्लिम आबादी? तीसरे नंबर पर हिमाचल तो पहले पर कौन?   

इंडियन रेलवे यात्रियों को क्यों देता है सफेद चादर? ( Why does Indian Railways give white sheets to passengers)

भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों को हमेशा सफेद चादरें देने के पीछे एक सोच-समझी रणनीति है. भारतीय रेलवे हर दिन कई ट्रेनों का संचालन करता है, जिसके लिए हजारों चादरों और तकिए के कवर की आवश्यकता होती है. ये चादरें यात्रियों को डिब्बों में दिए जाते हैं और एक बार उपयोग के बाद इन्हें साफ करने के लिए वापस ले लिया जाता है. सफाई प्रक्रिया में बड़े बॉयलरों से लैस विशेष मशीनों का उपयोग किया जाता है, जो 121 डिग्री सेल्सियस पर भाप उत्पन्न करती हैं. चादरों को 30 मिनट तक भाप में रखा जाता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे पूरी तरह से कीटाणुरहित हो गई हैं.

इसे भी पढ़ें: Muslim: भारत के किन 5 राज्यों में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी? चौथे नंबर पर UP तो पहले पर कौन?   

Railway: इंडियन रेलवे ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को क्यों देता है सफेद चादर? वजह जान हो जाएंगे हैरान  2

भारतीय रेलवे में ट्रेन के यात्रियों को सफेद चादर देने के पीछे कई व्यावहारिक और प्रबंधन से जुड़े कारण होते हैं:

स्वच्छता: सफेद चादरें गंदगी और धूल को आसानी से दिखाती हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि चादरें साफ और धुली हुई हैं. यदि चादर गंदी है, तो इसे तुरंत देखा जा सकता है और बदला जा सकता है.

साफ-सफाई में आसानी: सफेद चादरें ब्लीच या अन्य सफाई उत्पादों से आसानी से साफ की जा सकती हैं. सफेद रंग धुलाई के बाद भी नए जैसा दिखता है, जिससे इसे बार-बार इस्तेमाल करना आसान होता है.

इसे भी पढ़ें: IMD Rain Alert: 27-28 अगस्त को गुजरात-राजस्थान-महाराष्ट्र-वेस्ट बंगाल में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट, जानें मौसम का हाल 

मानकीकरण: सफेद चादरें एक मानक और एकरूपता प्रदान करती हैं, जिससे रेलवे को बड़े पैमाने पर इन्हें प्रबंधित करना आसान होता है. सभी डिब्बों और ट्रेनों में एक जैसे चादरें प्रदान करने से यह सुनिश्चित होता है कि हर यात्री को समान सुविधा मिले.

अनुकूलता: सफेद रंग अधिकांश डेकोर और बिस्तर के सेटअप के साथ मेल खाता है, जिससे ट्रेन के केबिन को एक साधारण, लेकिन साफ-सुथरा और सुसंगत रूप मिलता है.

इसे भी पढ़ें: Emergency Movie: कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर बवाल, SGPC ने भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला?

नियंत्रण: सफेद रंग के उपयोग से रेलवे को यह निगरानी रखने में मदद मिलती है कि सफाई और धोने की प्रक्रिया प्रभावी ढंग से की जा रही है या नहीं. सफेद चादरों पर कोई भी दाग या गंदगी तुरंत नजर आ जाती है, जिससे गुणवत्ता नियंत्रण आसान हो जाता है. इन सभी कारणों के चलते भारतीय रेलवे सफेद चादरें देना पसंद करती है.

इसे भी पढ़ें: Indian Railway: भारतीय रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन और सीईओ बने सतीश कुमार

Next Article

Exit mobile version