बनिहाल-काजीगुंड टनल पर सफलतापूर्वक पूरा हुआ भारी मोटर वाहनों का ट्रायल, सुरंग के जल्द शुरू होने की संभावना बढ़ी
Banihal-Qazigund Tunnel, Jammu and Kashmir, Jammu-Srinagar National Highway : श्रीनगर : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाई-वे के बनिहाल-काजीगुंड टनल का विस्तारित ट्रायल रविवार को सफलतापूर्वक पूरा हो गया. पहले दिन सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक भारी मोटर वाहनों के लिए ट्रायल किया गया.
श्रीनगर : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाई-वे के बनिहाल-काजीगुंड टनल का विस्तारित ट्रायल रविवार को सफलतापूर्वक पूरा हो गया. पहले दिन सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक भारी मोटर वाहनों के लिए ट्रायल किया गया.
The first day of extended trial run of Banihal-Qazigund Tunnel from 10.00 am to 5.00 pm for HMVs concluded successfully today. @diprjk @DisttRamban @ddnews_jammu @radionews_jammu pic.twitter.com/Q9zYa2sU1l
— Deputy Commissioner, Ramban (@dcramban) June 27, 2021
रामबन के डिप्टी कमिश्नर ने रविवार को ट्वीट कर बताया कि ”बनिहाल-काजीगुंड सुरंग के विस्तारित ट्रायल रन का पहला दिन सुबह 10.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक भारी मोटर वाहन के लिए सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.”
मालूम हो कि साल 2011 में शुरू हुए बनिहाल-काजीगुंड टनल की लंबाई 8.5 किमी है. इस टनल के निर्माण में करीब 2100 करोड़ रुपये की लागत आयी है. यह टनल जम्मू में बनिहाल और दक्षिण कश्मीर में काजीगुंड के बीच की दूरी को करीब 16 किमी कम करेगी.
गौरतलब हो कि जम्मू से कश्मीर जाने के लिए जवाहर टनल और शैतान नाला होते हुए जाना पड़ता है. सर्दियों के मौसम में हिमपात होने पर इस रास्ते में भारी फिसलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. बनिहाल-काजीगुंड टनल बनने से जवाहर सुरंग के अलावा एक नया विकल्प मिल जायेगा.
बनिहाल-काजीगुंड टनल का निर्माण नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी कर रही है. कंपनी के मुताबिक, टनल के महीने के अंत तक ट्रैफिक खोल दिये जायेंगे. मालूम हो कि टनल में दो अलग-अलग टनल मार्ग हैं. दोनों टनल को हर 500 मीटर पर एक गलियारा है, जिससे इमरजेंसी की स्थिति में टनल के वाहन को दूसरे टनल के रास्ते में मोड़ा जा सके.
बनिहाल दर्रे के नीचे की पुराने टनल की चढ़ाई 2194 मीटर है, जिससे वाहनों की गति धीमी पड़ जाती है. लेकिन, बनिहाल-काजीगुंड टनल की औसत चढ़ाई 1,790 मीटर है. यह जवाहर टनल से करीब चार सौ मीटर कम है. चढ़ाई कम होने से वाहनों की गति तेज होने की संभावना है. साथ ही खिसकने का भी खतरा कम होगा.