Loading election data...

आदिवासियों की पारंपरिक ड्रेस में नजर आये पीएम मोदी कहा, आदिवासी हमारे गुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मंगुभाई पटेल ने अपना पूरा जीवन आदिवासियों के विकास में लगा दिया. मध्यप्रदेश के पहले आदिवासी गवर्नर भी वही रहे. भगवा बिरसा मुंडा की जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा, यह बड़ा दिन है पूरा भारत आज पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2021 3:13 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर मध्यप्रदेश के भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस समारोह में शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान पारंपरिक वेशभूषा में नजर आये.

आदिवासी संस्कृति के तरीकों से पीएम मोदी का स्वागत स्थानीय आदिवासी कलाकारो ने किया. मंच पर प्रधानमंत्री को झाबुआ से लाई गई आदिवासियों की पारंपरिक जैकेट और डिंडोरी से लाया गया साफा पहनाया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मंगुभाई पटेल ने अपना पूरा जीवन आदिवासियों के विकास में लगा दिया. मध्यप्रदेश के पहले आदिवासी गवर्नर भी वही रहे. भगवा बिरसा मुंडा की जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा, यह बड़ा दिन है पूरा भारत आज पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है.

Also Read: Birsa Munda: पीएम मोदी ने किया बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्धाटन कहा, रांची जाइये वहां देखने को बहुत कुछ है

आजादी के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर उनके योगदान को गौरव के साथ याद किया जा रहा है, उन्हें सम्मान दिया जा रहा है. इसी सेवा भाव के लिए ही आदिवासी समाज के लिए कई बड़े योजनाओं का शुभारंभ किया गया है. मध्यप्रदेश की सरकार ने इसके लिए रणनीति बनायी है. आदिवासी समाज के लोग अपने धुन के साथ, गान के साथ अपनी भावना प्रकट कर रहे थे, उनकी हर बात में कोई ना कोई ज्ञान होता है. आदिवासी अपने नाच-गान में, गीतों में,परंपराओं में संदेश देते हैं.

मैंने जब गीत के शब्दों को बारीकी सेे समझा तो आपके एक- एक शब्द जीवन जीने का इरादा प्रस्तुत करते हैं, आपने बताया कि शरीर चार दिनों का है अंत में मिट्टी में मिल जायेगा, खाना- पीना खूब किया भगवान का नाम भुलाया, मौज मस्ती में उमर बीता दी, जीवन सफल नहीं किया. अपने जीवन में लड़ाई झगड़ा किया. अंत समय में मन में पछताना व्यर्थ है. धरती, खेत खलिहान किसी के नहीं है. अपने मन में गुमान करना व्यर्थ है. यह धन, दौलत कोई काम के नहीं है इसे यहीं छोड़कर जाना है. इस संगीत में जो शब्द कहे गये वह जीवन का उत्तम ज्ञान है.

पीएम मोदी ने इस मौके पर योजनाओं का जिक्र किया, जिसमें मुफ्त अन्न और राज्य सरकार द्वारा शुरू की जा रही योजनाओं की चर्चा की. आदिवासी समाज को गंभीर बीमारियों से इलाज मिल रहा है. मुझे खुशी है कि जनजतायी समाज में तेजी से मुफ्त टीका बांटा जा रहा और यह लोग ले रहे हैं. 100 साल की सबसे बड़ी महामारी से पूरी दुनिया लड़ रही है. जनजातीय समाज के सभी साथियों का वैक्सीनेशन के लिए आगे बढ़कर आना गौरव पूर्ण है. शहर में रहने वाले लोगों को आदिवासी भाइयों से सीखना चाहिए.

Also Read: PM Modi in MP : रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में ये होगा खास, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

मध्यप्रदेश में भी पीएम मोदी ने रांची में भगवान बिरसा मुंडा के संग्रहालय का जिक्र करते हुए कहा, नयी पीढ़ी को इसकी जानकारी पहुंचना जरूरी है. आजादी से पहले कई संग्राम हुए. अपनी इस विरासत को संजोकर उसे उचित स्थान देकर अपना दायित्व जरूर निभा सकते हैं.

इस मौके पर पीएम मोदी ने पहले की सरकारों पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा, इस बार राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार समारोह में ऐसे लोेग भी पहुंचे जिन्होंने पैर में जूते तक नहीं पहने थे. यही तो हमारे असली हीरो हैं. पहले की सरकारों में इच्छाशक्ति की कमी थी. उन्हें जो अवसर मिलना चाहिए था नहीं मिला.

बांस की खेती जैसी सामान्य चीज को कानून के पेंच में लाकर फंसा दिया गया. हमने इसे बदला दशकों से इस समाज को छोटी- छोटी जरूरतों के लिए लंबा इंतजार कराया गया. लकड़ी और पत्थर की कलाकारी तो आदिवासी समाज सदियों से कर रहा है. अब उनके बनाये उत्पाद को नया मार्केट उपलब्ध कराया जा रहा है. इसे देश और दुनिया के बाजारों में बेचा जा रहा है. जिस मोटे अनाज को खराब नजर से देखा जा रहा था वह भारत का ब्रांड बन रहा है.

Next Article

Exit mobile version