कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में किसानों का ‘तिरंगा मार्च’, राजधानी दिल्ली में घुसने की नहीं मिली इजाजत
75वें स्वतंत्रता दिवस पर किसानों ने देशभर में प्रदर्शन कर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताया. तिरंगा यात्रा निकाली गयी और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गयी.
नयी दिल्ली : पूरा देश आज 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस बीच किसानों ने दिल्ली बॉर्डर और देश के विभिन्न क्षेत्रों में तिरंगा मार्च निकालकर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध किया है. किसानों कुछ दिन पहले ही घोषणा की थी कि 15 अगस्त को वे ‘किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस’ के रूप में मनायेंगे. किसान संगठनों ने देश भर में तिरंगा मार्च निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया. दिल्ली के अंदर किसी भी प्रकार के प्रदर्शन को इजाजत नहीं मिली.
किसान संगठनों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे दिल्ली के प्रवेश करने की कोशिश नहीं करेंगे. किसानों का तिरंगा मार्च दिल्ली में सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हो रहा है. आज पूरे दिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है. संयुक्त किसान मोर्चा ने आह्वान किया है कि देश भर के किसान प्रखंड और तहसील स्तर पर आज के दिन ‘तिरंगा रैलियां’ निकालें.
अपने आह्वान में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि किसानों के सभी घटक संगठन 15 अगस्त को देश के विभिन्न शहरों, गांवों और कस्बों में मोटरसाइकिल, साइकिल और ट्रैक्टर से तिरंगा यात्रा करेंगे और लोगों को अपनी मांग से अवगत करायेंगे. कुछ जगहों पर किसानों को बैलगाड़ियों के साथ भ तिरंगा यात्रा निकालते देखा गया. कई अन्य जगहों पर किसानों ने ब्लॉक, तहसील और जिला मुख्यालयों पर धरना देने का भी प्रयास किया.
किसानों के तिरंगा मार्च को लेकर राजधानी दिल्ली की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गयी थी. इसी साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर कुछ लोगों ने किसानों के समर्थन में लाल किले पर एक धर्म विशेष का झंडा फहरा दिया था. कुछ हिंसक घटनाएं भी हुई थी. इसको देखते हुए हजारों सुरक्षाकर्मियों को संवेदनशील और महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है. सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की जा रही है.
छोटे किसानों को भारत की शान बनाना है : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तिरंगा फहराने के बाद लाल किले के प्राचीर से एलान किया कि छोटे किसानों को देश की शान बनाना है और सरकार इसी उद्देश्य से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि छोटा किसान बने देश की शान, यह हमारा सपना है. आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा. उन्हें नयी सुविधाएं देनी होंगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश में पहले जो नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना चाहिए था, वह नहीं किया गया. अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांव में स्वयं सहायता समूहों से 8 करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं और वह एक से बढ़कर एक उत्पाद बनाती हैं. इनके उत्पादों को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स मंच तैयार करेगी.
Posted By: Amlesh Nandan.