राज्यसभा से तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन को पूरे से सत्र से निलंबित कर दिया गया है. आज सरकार ने राज्यसभा में शांतनु के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया जिसे स्वीकृति मिल गयी. इस फैसले के साथ ही शांतनु पर राज्यसभा ने कड़ा फैसला लिया है.
सेन ने राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीन लिया था. टुकड़े कर हवा में फेंक दिये. वैष्णव उस समय उच्च सदन में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर बयान दे रहे थे. उनकी इस हरकत की सदन में भी निंदा हुई.
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इस हरकत के तुरंत बाद सरकार ने संकेत दे दिये थे कि इस हरकत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इस मामले पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने कहा, हम राज्यसभा के सभापति से संपर्क कर उनके (विपक्षी सांसदों) के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उनका व्यवहार संसदीय मर्यादा के लिए नुकसानदेह है.
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राज्यसभा में आज कार्रवाई शुरू हुई तो सरकार ने इस मामले में शांतनु के निलंबन का प्रस्ताव सामने रखा. इस प्रस्ताव का तृणमूल कांग्रेस के सांसदो ने विरोध किया लेकिन उन्हें इस पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. तृणमूल इस मामले में भेदभाव का आरोप लगा रही है
गुरुवार को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई पेगासस मामले में उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिे वैष्णव का नाम पुराका. इसी समय तृममूल कांग्रेस के सांसद हंगामा करने लगे. तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन ने केंद्रीय मंत्री के हाथों से बयान की प्रति छीन ली और उसके टुकड़े कर फेंक दिया