Tripura Assembly Election: भाजपा 55 और आईपीएफटी 5 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, उम्मीदवारों की हुई घोषणा
आने वाले कुछ ही दिनों के अंदर त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने वाले है. चुनावों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी कई फैसले किये हैं. इस बार भाजपा यहां से 55 सीटों पर और सहयोगी आईपीएफटी 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
Tripura Assembly Election: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की त्रिपुरा इकाई ने 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पुराने सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ सीट के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है और अपने सहयोगी को पांच सीट दी हैं, जो उसे 2018 के चुनाव मिली सीट से चार कम हैं. मुख्यमंत्री माणिक साहा ने गठबंधन की घोषणा करते हुए अगरतला में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा 55 सीट पर चुनाव लड़ेगी.
IPFT 5 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद आईपीएफटी (IPFT) के वरिष्ठ नेता शुक्ला चरण नोआतिया ने कहा कि पार्टी भाजपा के साथ मिलकर 5 सीट पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष प्रेम कुमार रियांग ने सीट बंटवारे के फैसले को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री साहा बारडोवली (शहर) से चुनाव लड़ेंगे, जिस सीट पर उन्होंने पिछले साल हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी.
उम्मीदवारों की पहली सूची जारी
इससे पहले दिन में नयी दिल्ली में भाजपा ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक सहित 11 महिलाओं को मैदान में उतारा गया है. इस सूची के कुछ घंटे बाद भाजपा ने छह और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिसके साथ ही पार्टी ने 54 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. सूची की घोषणा शनिवार को की गई, जबकि नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ दो दिन बचे हैं.
प्रतिमा भौमिक को धनपुर सीट से मैदान में उतारा
भाजपा की सूची के अनुसार, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक को धनपुर सीट से मैदान में उतारा गया है. भाजपा नेताओं-अनिल बलूनी और संबित पात्रा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा की.
माकपा ने त्रिपुरा में 25 साल किया शासन
प्रतिमा भौमिक केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं. वह त्रिपुरा से सांसद हैं. वर्ष 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में वामपंथ के गढ़ माने जाने वाले त्रिपुरा में भाजपा ने सरकार बनाई थी. उससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने त्रिपुरा में 25 साल तक शासन किया था. माकपा इस बार राज्य का चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ रही है.