त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति दल पूरे जोश के साथ मैदान में डटे हैं. बीजेपी, कांग्रेस और लेफ्ट के बीच जोर आजमाइश हो रही है. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या एक बार फिर बीजेपी बाजी मारेगी या कांग्रेस-सीपीएम गठबंधन जीत जाएगा चुनाव. सारा दारोमदार उम्मीदवारों पर टिका है. ऐसे में राजनीतिक दलों ने जिन उम्मीदवारों पर दांव खेला है उनकी क्षवि कितनी साफ है देखते हैं.
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी गठबंधन और कांग्रेस-सीपीएम के बीच मुख्य मुकाबला है. 60 विधानसभा सीटों वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में में कुल 259 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें 16 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं. यानी उनपर आपराधिक मामले चल रहे हैं.
16 फीसदी में आठ परसेंट ऐसे उम्मीदवार हैं जिनपर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने सबसे ज्यादा दागी प्रत्याशियों को टिकट दिया है. जबकि सीपीएम दूसरे नंबर पर है.
कांग्रेस में 54 फीसदी प्रत्याशी पर मुकदमा दर्ज है. चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस ने ही दागी उम्मीदवारों को उतारा है. उसके बाद सीपीएम ने 30 फीसदी दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
कांग्रेस और सीपीआईएम के बाद तृणमूल कांग्रेस ने सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. टीएमसी के 18 फीसदी उम्मीदवार दागी है.
बीजेपी ने इस बार चुनाव में साफ सुथरी क्षवि वाले उम्मीदवारों को ज्यादा तवज्जों दी है. बीजेपी के उम्मीदवारों में 16 फीसदी पर केस दर्ज है.
वहीं, टिपरा मोथा के 10 फीसदी और निर्दलीय उम्मीदवारों में सिर्फ 05 फीसदी उम्मीदवार दागी है.