Loading election data...

त्रिपुरा चुनाव नतीजे : 50 फीसदी वोट शेयर के साथ जीते सीएम माणिक साहा, कांग्रेसी प्रत्याशी को दी शिकस्त

माणिक साहा ने कहा कि जीतने के बाद मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं और मुझे चुनाव अधिकारियों की ओर से जीत का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है. इस चुनाव में भाजपा की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा को एक सीट पर जीत मिली है.

By KumarVishwat Sen | March 2, 2023 5:30 PM
an image

अगरतला : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने गुरुवार को विधानसभा चुनाव में टाउन बारडोवाली निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार आशीष कुमार को 1257 मतों के अंतर से शिकस्त दी है. इस चुनाव में मुख्यमंत्री माणिक साहा को करीब 19,586 वोट मिले हैं. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, टाउन बारडोवली सीट पर उन्हें करीब 49.77 फीसदी वोट मिले, जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के आशीष कुमार को 18,329 वोट मिले, जो कुल वोट शेयर का 46.58 फीसदी है. माणिक साहा ने चुनाव जीतते ही अपनी जीत का प्रमाण पत्र ले लिया.

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए माणिक साहा ने कहा कि जीतने के बाद मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं और मुझे चुनाव अधिकारियों की ओर से जीत का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है. इस चुनाव में भाजपा की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा को एक सीट पर जीत मिली है. वहीं, कांग्रेस को भी एक ही सीट से संतोष करना पड़ा है. टिपरा मोथा पार्टी को 12 सीट मिलने की उम्मीद है. सात सीटों पर उसे जीत मिल चुकी है और पांच सीटों पर बढ़त बनी हुई है.

पूर्वोत्तर के इस राज्य में भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने सीपीआईएम के साथ समझौता किया था. हालांकि, सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 30 है और एग्जिट पोल में पहले ही भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी दिखाई दे रही थी.

Also Read: त्रिपुरा के चुनावी नतीजों में दिखा ग्रेटर टिपरालैंड मुद्दे का असर, जानिए टिपरा मोथा पार्टी बनाने की कहानी
2018 से पहले भाजपा की स्थिति

बता दें कि वर्ष 2018 से पहले त्रिपुरा में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी. पिछले चुनाव में आईपीएफटी के साथ गठबंधन करने के बाद भाजपा सत्ता में आई थी और वाम मोर्चे को बाहर कर दिया था, जो 1978 से लगातार 35 वर्षों से सीमावर्ती राज्य में सत्ता पर काबिज थी. 2018 में भाजपा 55 और उसकी सहयोगी आईपीएफटी छह सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इसी प्रकार वाम दल ने 47 और कांग्रेस ने 13 सीटों पर ताल ठोकी थी. 2018 में भाजपा को 36 सीटों पर करीब 43.59 फीसदी वोट मिले थे. इस चुनाव में भाजपा को कुल 16 सीटें मिली थी.

Exit mobile version