त्रिपुरा में 25 नवंबर को होने वाले नगर निकाय के चुनाव से पहले बीजेपी और टीएमसी के बीच टकराव जारी है. त्रिपुरा हिंसा को लेकर मची गहमागहमी अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार से चुनाव प्रचार से लेकर परिणाम की घोषणा तक किए गए सुरक्षा के इंतजाम पर सवाल करते हुए जवाब मांगा है. दरअसल त्रिपुरा में चुनावी हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस आर पार के मूड में दिखाई दे रही है.
एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने आज के चुनाव प्रचार, मतदान के दिन और परिणाम की घोषणा तक सुरक्षा के लिए क्या विशेष व्यवस्था की गई है, इसपर त्रिपुरा सरकार के वकील को डीजीपी और गृह सचिव से विस्तृत निर्देश लेने को कहा है. आज की सुनवाई दोपहर 12.45 बजे होगी.
Supreme Court asks counsel of Tripura govt to take detailed instructions from DGP & Home Secretary on what specific arrangements are made for today's campaigning, the polling day and for safety right upto the declaration of result. SC says it will hear the matter today at 12.45pm pic.twitter.com/fIZatUxG77
— ANI (@ANI) November 23, 2021
बता दें कि चुनावों में हिंसा को लेकर सोमवार को दिनभर बवाल मचा रहा. टीएमसी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. दरअसल त्रिपुरा में 25 नवंबर को नगर निकाय चुनाव होने वाले हैं इससे पहले भारतीय जनता पार्टी और टीएमसी समर्थकों के बीच झड़प हो रही है. रविवार को टीएमसी की पश्चिम बंगाल यूनिट की युवा शाखा की सचिव सायानी घोष को त्रिपुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद विवाद और बढ़ा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में स्वतंत्र और निष्पक्ष नगर निगम चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिया था.
वहीं, त्रिपुरा सरकार को घेरते हुए ममता ने कहा था कि राज्य में अराजकता का माहौल है. लोग खुलेआम खंजर और लाठियां लेकर घूम रहे हैं. सांसद गृह मंत्री से मिलना चाहते हैं. ममता ने त्रिपुरा मामले को लेकर बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि त्रिपुरा में लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे में मानवाधिकार भी कहीं नजर नहीं आ रहा है.
वहीं, टीएमसी ने याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों बावजूद त्रिपुरा में चुनावों के दौरान हालात खराब हो रहे हैं. बता दें कि त्रिपुरा में चुनाव को लेकर टीएमसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य प्रशासन और पुलिस को त्रिपुरा में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के आदेश दिए थे.