Tripura Chunav 2023: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है. मतदान केंद्रों पर EVM को सील कर सुरक्षित किया जा रहा है. मतदान के दौरान हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक नेता और वाम दल के दो पोलिंग एजेंट सहित कम से कम तीन व्यक्ति घायल हो गये. मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक चला. राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि त्रिपुरा में शाम 4 बजे तक करीब 81 प्रतिशत मतदान हुआ.
यहां चर्चा कर दें कि चुनावी मैदान में मुख्य रूप से भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन, माकपा-कांग्रेस गठबंधन और पूर्वोत्तर राज्य के पूर्व शाही परिवार के वंशज द्वारा गठित एक क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा हैं. वोटों की गिनती 2 मार्च को होगी. इस बार रिकॉर्ड मतदान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
त्रिपुरा चुनाव में हर पार्टी ने जोर लगाया है. यहां मुकाबला रोचक नजर आया. इस बीच आपको बता दें कि त्रिपुरा चुनाव में इन दिनों सबसे ज्यादा किसी चर्चा हो रही है तो वह टिपरा मोथा पार्टी की और पार्टी प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा की. दरअसल, त्रिपुरा चुनाव को दिलचस्प बनाने वाले टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा पूर्ववर्ती राजपरिवार के वंशज हैं. राजनीति के जानकारों की मानें तो प्रदेश में आदिवासी समाज के बीच उनकी मजबूत पकड़ है. त्रिपुरा में 20 सीटें जनजातीय बहुल हैं और ये इस राज्य में सत्ता की कुंजी है.
भाजपा गठबंधन
भाजपा-55 सीट
आइपीएफटी-05 सीट
(अम्पीनगर में भाजपा-आइपीएफटी में दोस्ताना जंग)
वाम-कांग्रेस गठबंधन
माकपा-43 सीट
कांग्रेस-13 सीट
(फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी व भाकपा एक-एक सीट पर)
अन्य दल
टिपरा मोथा-42 सीट
टीएमसी-28 सीट
निर्दलीय-58 सीट
-60 में 36 सीटें जीत कर भाजपा ने वाममोर्चा के शासन किया था अंत
-20 जनजातीय सीटों में 18 सीटें मिलीं थीं भाजपा गठबंधन को
-43.59 % वोट भाजपा को, 42.22 प्रतिशत वोट माकपा को मिले थे
जानकारों की मानें नवगठित राजनीतिक दल ‘टिपरा मोथा’ के ‘किंगमेकर’ (सरकार गठन में अहम भूमिका निभाने वाली पार्टी) के रूप में उभरने की संभावना है और इस चुनाव में उसका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन एवं कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन के साथ हुआ.