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शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया के लिए बढ़ सकती हैं मुसीबतें, हैदराबादी कारोबारी बना सरकारी गवाह

कोर्ट ने यह फैसला रेड्डी की अर्जी पर दिया जिसमें उन्होंने कहा था- मैं स्वेच्छा से सच्चाई बताने को तैयार हूं और इस मामले में सरकारी गवाह बनना चाहता हूं. उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल में रेड्डी को चिकित्सा आधार पर जमानत दी थी.

दिल्ली की एक कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी रहे हैदराबाद के कारोबारी पी. शरतचंद्र रेड्डी सरकारी गवाह बन गए हैं. उल्लेखनीय है कि इस मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं. राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मामले में कल के घटनाक्रम के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सिसोदिया सहित अन्य आरोपियों की मुश्किल बढ़ सकती है.

रेड्डी को चिकित्सा आधार पर जमानत

कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष जस्टिस एम.के. नागपाल ने कहा कि रेड्डी को 29 मई को पारित आदेश के तहत क्षमादान दिया जाता है. कोर्ट ने यह फैसला रेड्डी की अर्जी पर दिया जिसमें उन्होंने कहा था- मैं स्वेच्छा से सच्चाई बताने को तैयार हूं और इस मामले में सरकारी गवाह बनना चाहता हूं. उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल में रेड्डी को चिकित्सा आधार पर जमानत दी थी.

बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के मुताबिक, रेड्डी हैदराबाद से संचालित अरविंदो फार्मा के प्रमुख हैं और शराब के बिजनेस से भी जुड़े हुए हैं. रेड्डी ने इससे पहले ईडी पर दबाव बनाने और उनकी मर्जी के बिना लिखे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया था. हालांकि, बाद में जांच आगे बढ़ने पर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप आधारहीन थे. सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि लाइसेंस धारकों को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव कर अनियमितता की गई और लाइसेंस शुल्क माफ किया गया या कम किया गया, L-1 लाइसेंस का विस्तार सक्षम प्राधिकार की मंजूरी के बिना दिया गया.

दिनेश अरोड़ा भी इस मामले में सरकारी गवाह

ईडी ने इससे पहले कोर्ट को बताया था कि उसके पास तमाम सबूत हैं कि घोटाले में रेड्डी ने विभिन्न कारोबारियों और नेताओं के साथ मिलकर सक्रिय रूप से योजना बनाई और साजिश रची. एजेंसी के मुताबिक, रेड्डी अनैतिक मार्केटिंग में भी संलिप्त थे ताकि दिल्ली आबकारी नीति से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके. गौरतलब है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन इस कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहा है और दिल्ली के कारोबारी दिनेश अरोड़ा भी इस मामले में सरकारी गवाह बन चुके हैं.

सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही जांच

दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वर्ष 2021-22 में हुए कथित घोटाले के दौरान आबकारी विभाग के मंत्री थे. वह भी मामले में आरोपी हैं जिसकी जांच सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है. मौजूदा समय में सिसोदिया न्यायिक हिरासत में हैं. एनफोर्समेंट डायरेक्टरे अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति में आरोपियों द्वारा कथित मनी लॉन्ड्रिंग किए जाने की जांच कर रही है.

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