Loading election data...

TRP Scam: रिपब्लिक टीवी को आरोपी बताने वाली मुंबई पुलिस का यू टर्न कहा, FIR में इंडिया टुडे का नाम

TRP scam: टीआरपी स्कैम मामले में एक दिन के बाद ही मुंबई पुलिस (Mumbai Police) का बयान बदल गया है. मुंबई पुलिस ने टीआरपी फर्जीवाड़ा (TRP )को लेकर दर्ज किये गये एफआईआर (FIR) में रिपब्लिक टीवी (Republic TV)का नाम लिया था पर अब पुलिस यह सफाई दे रही है कि इसमें रिपब्लिक नहीं बल्कि इंडिया टुडे (India Today) का नाम है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2020 2:20 PM

टीआरपी स्कैम मामले में एक दिन के बाद ही मुंबई पुलिस का बयान बदल गया है. मुंबई पुलिस ने टीआरपी फर्जीवाड़ा को लेकर दर्ज किये गये एफआईआर में रिपब्लिक टीवी का नाम लिया था पर अब पुलिस यह सफाई दे रही है कि इसमें रिपब्लिक नहीं बल्कि इंडिया टुडे का नाम है.

मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुंबई के पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इस खबरिया चैनल ने पैसे देकर अपने चैनल की टीआरपी बढ़वाई थी. इसके अलावा पुलिस ने दो मराठी चैनल फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिकों को भी गिरफ्तार किया था.

मुबंई मिरर के मुताबिक टीआरपी की जिम्मेदारी संभालने वाले हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड की ओर से किये गये एफआईआर में रिपब्लिक टीवी नहीं बल्कि इंडिया टुडे चैनल का नाम है. मुंबई पुलिस ने भी इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि एफआईर में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं है. शिकायतकर्ता ने इंडिया टुडे चैनल पर इस तरह के कदाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है.

मुंबई के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर मिलिंद भराम्बे ने बताया कि टीआरपी फर्जीवाड़े में इंडिया टुडे चैनल के भागीदारी की पुष्टि अभी तक किसी भी अभियुक्त या गवाह ने नहीं की है. जबकि एफआईआर में इसका नाम है. पर शुरुआती जांच और आरोपियों से पूछताछ में रिपब्लिक टीवी, फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा का ही जिक्र किया गया है. पर अभी जांच जारी है. अगर किसी के खिलाफ सबूत मिलता है तो उसी दिशा में जांच आगे की जायेगी.

इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुंबई पुलिस कमिश्नर ने रिपब्लिक टीवी समेत तीन चैनल का नाम लिया था और बताया था कि इस मामले की जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई के लिए चैनल के प्रमुखों के बैंक अकाउंट की भी जांच की जायेगी. चैनल के मालिकों से पूछताछ के लिए उन्हें तलब किया जायेगा. चैनल के बैंक अकाउंट की जांच होगी, जिससे यह पता लगाना आसान होगा कि फर्जी टीआरपी के दम पर उन्हें कितने विज्ञापन मिले और उनका किस तरह इस्तेमाल हुआ. इन पैसों को अपराध का हिस्सा माना जायेगा.

क्या होती है टीआरपी

BARC एजेंसी TRP मापने का काम करती है. इसी आधार पर चैनल खुद को नंबर वन बताते हैं. BARC ने यह काम हंसा नाम की एजेंसी को दे रखा है. मुंबई में लगभग 2000 बैरोमीटर लगाये गये हैं. इनके जरिये ही टीआरपी का अंदाजा लगाया जाता है कि किस घर में कौन सा चैनल देखा जा रहा है. इस बैरीमीटर की वजह से देखने जाने वाले चैनल का वक्त,कितनी देर देखा गया यह सब मापा जा सकता है. पुलिस के अनुसार, BARC ने जो अपनी रिपोर्ट सौंपी है उसमें रिपब्लिक का नाम आया है.

Posted By: Pawan Singh

Next Article

Exit mobile version