JNU छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी लगायेंगे कांग्रेस की नैया पार?

kanhaiya kumar news: राहुल गांधी कांग्रेस का कायाकल्प करने में जुटे हैं. युवा नेतृत्व को आगे ला रहे हैं. इसी कड़ी में कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी को पार्टी में शामिल करवाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2021 5:56 PM

नयी दिल्ली : मंगलवार (28 सितंबर) का दिन कांग्रेस पार्टी के लिए हलचल से भरा रहा. एक ओर पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के अपने पद से इस्तीफा दे दिया, तो दूसरी तरफ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष और सीपीआई के नेता रहे कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया (Kanhaiya Kumar Joins Congress). वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह की दिल्ली यात्रा ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी.

कन्हैया कुमार के साथ गुजरात के नेता जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) भी शहीद भगत सिंह की जयंती पर राष्ट्रीय राजधानी में स्थित शहीद भगत सिंह पार्क में कांग्रेस में शामिल हो गये. कन्हैया (Kanhaiya Kumar) ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है, जबकि अपनी विधायकी बचाने के लिए जिग्नेश मेवाणी ने सदस्यता नहीं ली. कन्हैया को कांग्रेस में शामिल किये जाने की सीनियर नेता मनीष तिवारी ने आलोचना की है.

दरअसल, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पूरी पार्टी का कायाकल्प करने में जुटे हुए हैं. युवा नेतृत्व को आगे ला रहे हैं. इसी कड़ी में पिछले दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. इससे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है. सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें दलबदलू करार दिया और कहा कि उनके जाने से पार्टी का भला होगा.

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नेतृत्व संकट से जूझ रही कांग्रेस पार्टी को ऐसा लगता है कि नये लोगों को प्रमोट करने से उसे आने वाले दिनों में चुनावों में फायदा होगा. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखर विरोध करने वाले लोगों को कांग्रेस में शामिल कराया जा रहा है. हालांकि, कन्हैया कुमार का अपना कोई बहुत बड़ा जनाधार हो, ऐसा नहीं है. लोकसभा चुनाव में उन्होंने बेगूसराय से सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ा था और बुरी तरह से पराजित हुए थे.

कन्हैया कुमार पर देशद्रोह के भी आरोप लगे हैं. नयी दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में जब ‘भारत के टुकड़े-टुकड़े होंगे’ के नारे लगे थे, तब कन्हैया ही जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष थे. देशद्रोह के मामले में उन्हें जेल की सजा भी भुगतनी पड़ी थी.

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हालांकि, कोर्ट ने बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था. कन्हैया कुमार अब तक देशद्रोह के आरोप से बरी नहीं हुए हैं. इसलिए कांग्रेस के सीनियर लीडर को लगता है कि कन्हैया के आने से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पार्टी पर हमला करने का मौका मिल जायेगा.

कैप्टन की दिल्ली यात्रा ने बढ़ायी सरगर्मी

दूसरी तरफ, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं, नयी दिल्ली पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से उनकी मुलाकात हो सकती है.

इन मुलाकातों की चर्चा के बीच तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. माना जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. हालांकि, इस संबंध में किसी ने खुलकर कोई बात नहीं की है. न कैप्टन ने, न बीजेपी ने.

Posted By: Mithilesh Jha

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