Twitter मामले पर बोले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा

Twitter Case केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा है कि ट्विटर को भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 25 मई को तीन महीने की अवधि पूरी हो गई है और मैंने फिर भी कहा कि ट्विटर को एक अंतिम नोटिस और दिया जाएं. उन्होंने कहा कि तीन पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आपको बहुत बड़ी परीक्षा आयोजित करनी है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि व्यापार करो, आपके यूजर्स सवाल पूछे उसका स्वागत है, लेकिन भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2021 4:08 PM

Twitter Case केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा है कि ट्विटर को भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 25 मई को तीन महीने की अवधि पूरी हो गई है और मैंने फिर भी कहा कि ट्विटर को एक अंतिम नोटिस और दिया जाएं. उन्होंने कहा कि तीन पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आपको बहुत बड़ी परीक्षा आयोजित करनी है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि व्यापार करो, आपके यूजर्स सवाल पूछे उसका स्वागत है, लेकिन भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर ट्विटर का एक ट्वीट को मैनिपुलेटेड या अनमैनिपुलेटेड ट्वीट घोषित करने के लिए नियम है, तो ये गाजियाबाद मामले में लागू क्यों नहीं हुआ. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि भारतीय कंपनियां जब अमेरिका या दूसरे देशों में आईटी बिजनेस करने जाती हैं, तब वो क्या अमेरिका या दूसरे देशों के कानूनों का पालन नहीं करती हैं. उन्होंने कहा कि आपको भारत में व्यापार करना है, पीएम मोदी और हम सबकी आलोचना करने के लिए आपका स्वागत है. लेकिन, भारत के संविधान, नियमों का पालन करना होगा.

सोशल मीडिया की नई गाइडलाइन पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये गाइडलाइन अचानक नहीं आई हैं. ये काम पिछले 3-4 साल से चल रहा था. इन गाइडलाइन का संबंध सोशल मीडिया के उपयोग से नहीं, सोशल मीडिया के दुरुपयोग से है. ताकि जब इनका दुरुपयोग किया जाए, तो लोग शिकायत कर सकें. इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ट्विटर को भारत के कानून मानने ही होंगे. ट्विटर अबतक गाइडलाइन फॉलो करने में नाकाम रहा है. बार-बार मौके मिलने के बावजूद मनमानी की है औऱ नई गाइडलाइंस को मानने से इनकार कर दिया.

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