नयी दिल्ली : भारत के नये आईटी नियमों (New IT Rules) के पालन में देरी करना ट्विटर (Twitter) को भारी पड़ा. सरकार ने कंपनी के इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म (intermediary platform) का दर्जा समाप्त कर दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब ट्विटर पर किये गये हर पोस्ट के लिए कंपनी ही जिम्मेदार होगी. वह अब एक प्लेटफॉर्म नहीं रह गया, पब्लिशर हो गया. समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि नये आईटी नियमों का पालन न करने के कारण ट्विटर ने भारत में मध्यस्थ मंच के रूप में अपना दर्जा खो दिया है.
एएनआई ने कहा कि इसका मतलब यह है कि विभिन्न उपयोगकर्ताओं से सामग्री की मेजबानी करने वाला केवल एक मंच माना जाने के बजाय अब ट्विटर अपने मंच पर प्रकाशित पोस्ट के लिए सीधे संपादकीय रूप से जिम्मेदार होगा. इसका एक अर्थ यह भी हुआ कि यदि कथित गैरकानूनी सामग्री के लिए ट्विटर के खिलाफ कोई आरोप है तो इसे एक प्रकाशक के रूप में माना जायेगा, मध्यस्थ के रूप में नहीं.
ऐसे मामले में आईटी अधिनियम सहित किसी भी कानून के तहत दंड के लिए उत्तरदायी कंपनी ही होगी. कोई भी पुलिस मामले में सीधे कंपनी से पूछताछ करेगी. मामले पर पक्ष रखते हुए ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि हम एमईआईटीवाई (इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय) को प्रक्रिया के हर चरण में प्रगति से अवगत करा रहे हैं. अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी को नियुक्त कर दिया गया है. विवरण जल्द ही सीधे मंत्रालय के साथ साझा किया जायेगा.
प्रवक्ता ने कहा कि ट्विटर भारत सरकार के नये दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. बता दें कि केंद्र सरकार ने ट्विटर को 25 मई तक कानूनों के पालन के तहत अधिकारी नियुक्त कर सूचना देने का समय दिया था. लेकिन ट्विटर की ओर से लगातार टाल मटोल की रवैया अपनाया जा रहा था. अंत में सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है.
Posted By: Amlesh Nandan.