सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म टि्वटर और सरकार के बीच की तनातनी कोर्ट, बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप एफआईआर से होते हुए अब संसदीय स्थायी समिति तक पहुंच गयी है. आज शाम 4 बजे टि्वटर के अधिकारियों को समिति की बैठक में शामिल होने का आदेश दिया गया है.
इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होगी. समिति ने इस बैठक का मुख्य एजेंडा नागरिक अधिकार और महिला सुरक्षा के आलोक में सोशल मीडिया प्लेटफार्म का दुरुपयोग है. इसके साथ- साथ ताजा हालात पर भी चर्चा संभव है.
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इस बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों के भी शामिल होने की चर्चा है. अधिकारी सरकार का पक्ष टि्वटर की कमियां और नये नियमों पर अपना मजबूत पक्ष रखेंगे. नये आईटी कानून का पालन ना करने की वजह से टि्वटर से थर्ड पार्टी का दर्जा समाप्त कर दिया है. इसके साथ ही ट्विटर को थर्ड पार्टी होने के नाते क़ानूनी हस्तक्षेप से मिली छूट भी वापस ले ली गई है.
इस बीच टि्वटर के अधिकारी कई नये मामलों का भी सामना कर रहे हैं दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बुजुर्ग के साथ हुई मारपीट के मामले में टि्वटर सहित कई नेता, पत्रकार, अभिनेता, अभिनेत्रियों पर केस दर्ज किया गया है.
ध्यान रहे कि संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर हैं उन्हें भी हटाने को लेकर सदन में आवाज तेज हुई थी. एक भाजपा नेता ने इस मांग को सदन के सामने रखा था. थरूर इस समिति का अध्यक्ष होने के नाते सीधे सरकार से जवाब मांगते रहे हैं ऐसे में उन पर आरोप लगे कि वह कांग्रेस का एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं.
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले सामने आ सकते हैं. टि्वटर समिति के सामने अपना पक्ष रख सकता है. इस नये कानून में उसे कहां क्या परेशानियां लगती है बता सकता है. यह समिति मंत्रालय की तरफ से बैठक में शामिल हुए अधिकारियों की भी पूरी बात सुनेगी. बैठक के बाद समिति का पक्ष क्या है ? इसके लिए इंतजार करना होगा