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बाल यौन शोषण पर ट्विटर की जीरो टॉलरेन्स नीति : ट्विटर प्रवक्ता, महिला आयोग ने अश्लील सामग्री पर लिया संज्ञान, एक सप्ताह में हटाने को कहा

Child Sexual Exploitation, Twitter, Zero tolerance, National Women Commission : नयी दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग ने ट्विटर पर अश्लील सामग्री का स्वत: संज्ञान लेते हुए एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, ट्विटर ने कहा है कि बाल यौन शोषण के लिए कंपनी की जीरो टॉलरेन्स नीति है. साथ ही कहा है कि नियमों का उल्लंघन करनेवाली सामग्री को हटाना जारी रखेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2021 5:38 PM
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नयी दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग ने ट्विटर पर अश्लील सामग्री का स्वत: संज्ञान लेते हुए एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, ट्विटर ने कहा है कि बाल यौन शोषण के लिए कंपनी की जीरो टॉलरेन्स नीति है. साथ ही कहा है कि नियमों का उल्लंघन करनेवाली सामग्री को हटाना जारी रखेगा.

ट्विटर प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि ”बाल यौन शोषण (सीएसई) के लिए ट्विटर की जीरो टॉलरेंस नीति है. हम ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करनेवाली सामग्री का सक्रिय रूप से पता लगाने और जांच कर हटाना जारी रखेंगे. इस मुद्दे से निबटने के लिए भारत में कानून प्रवर्तन और एनजीओ भागीदारों के साथ काम करेंगे.”

वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग ने ट्विटर पर अश्लील सामग्री साझा करनेवाले कई प्रोफाइलों पर स्वत: संज्ञान लिया है. अध्यक्षा रेखा शर्मा ने ट्विटर इंडिया से एक सप्ताह के अंदर ऐसी सभी अश्लील सामग्री को तुरंत हटाने के लिए प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है.

एनसीडब्ल्यू ने पुलिस आयुक्त को भी लिखा है. साथ ही कहा है कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करे. आयोग ने पहले भी इसी तरह की शिकायत मिलने पर मामले को तत्काल कार्रवाई के लिए ट्विटर पर संज्ञान लिया था. हालांकि, कथित तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी.

आयोग ने कहा है कि ऐसी प्रतिबंधित सामग्री की उपलब्धता की जानकारी होने के बावजूद जो ना केवल भारतीय कानूनों का उल्लंघन करती है, बल्कि ट्विटर की अपनी नीति का भी उल्लंघन करती है, उन्हें हटाने की दिशा में आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

आयोग ने ट्विटर के साथ अश्लील सामग्री साझा करनेवाले कुछ प्रोफाइलों का विवरण ट्विटर के साथ साझा किया है और एक सप्ताह के अंदर ऐसी सभी सामग्री को हटाने का निर्देश दिया है. पीएलए को 10 दिनों के भीतर की गयी कार्रवाई की जानकारी देने को भी कहा गया है.

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