पंजाब विधानसभा के कल यानी मंगलवार से शुरू होने वाले दो दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. जाहिर है विपक्षी दल कानून-व्यवस्था, अवैध रेत खनन और राज्य पर कर्ज समेत कई मुद्दों पर आम आदमी पार्टी सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. सत्र के दौरान, मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार तीन वित्त विधेयक -पंजाब राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2023, पंजाब माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 और भारतीय स्टांप (पंजाब संशोधन) विधेयक 2023- पेश करेगी.
हंगामेदार हो सकता है सत्र
एक अन्य विधेयक, पंजाब नहर एवं जल निकासी विधेयक, 2023 भी सदन में पेश किए जाने की संभावना है. विधेयक का उद्देश्य राज्य में नहरों और जल निकासी को विनियमित व प्रबंधित करना है. अधिकारियों ने कहा कि सत्र मंगलवार को विभिन्न दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि के साथ शुरू होगा. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आहूत किया है.
क्यों डर रहे हैं सीएम मान- बाजवा
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, “जब पिछला सत्र अचानक समाप्त हो गया था तब मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि नवंबर में अगले सत्र में पंजाब के मुद्दों पर चर्चा के लिए विपक्ष को पर्याप्त समय दिया जाएगा.” बाजवा ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि वह भयभीत क्यों हैं.” कांग्रेस नेता ने केवल दो दिनों का सत्र आहूत करने के लिए ‘आप’ सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया, “मौजूदा सरकार बहुत कुछ छिपा रही है.”
विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं- सीएम मान
बाजवा ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “सदन में उनके पास 92 विधायक हैं, लेकिन उनके पास विपक्ष का सामना करने की ताकत नहीं है.” इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने धूरी में एक सभा को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि उनके पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है. मान ने कहा, “कल, विधानसभा सत्र शुरू होगा. सदन में कई विधेयक पेश किए जाएंगे.’मान ने कहा कि मार्च में आयोजित बजट सत्र का सत्रावसान करने के बाद राज्यपाल ने यह सत्र आहूत किया है.