पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए बुरी खबर है कि उसके बार के विधायक लव कुमार गोल्डी ने अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस को ज्वाइन कर लिया है. लव कुमार गोल्डी ने अपने समर्थकों के साथ अमरिंदर सिंह की पार्टी ज्वाइन की है.
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने जब से चुनाव के लिए अपने 86 उम्मीदवारों की सूची जारी की है पार्टी में असंतोष है. यहां तक कि प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डाॅक्टर मनोहर सिंह भी बगावत पर उतर आये हैं.
Punjab | Congress leader and two time MLA from Garhshankar, Luv Kumar Goldy joins the Punjab Lok Congress along with his supporters including members of municipal council and block samitis, says the party. pic.twitter.com/KrDL2XP4fW
— ANI (@ANI) January 17, 2022
खबरों के अनुसार चरणजीत सिंह चन्नी अपने भाई को बस्सी पठाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया, जिसके बाद उन्हें टिकट नहीं मिला.
पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद डाॅक्टर मनोहर सिंह ने कहा कि बस्सी पठाना से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें पार्टी से टिकट नहीं दिया, इसलिए अब वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ने मोगा विधानसभा सीट से सोनू सूद की बहन मालविका सूद को टिकट दिया है, जिसका विरोध भी पार्टी के कई नेता कर रहे हैं.
पार्टी में उभरे इस विरोध के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने सोमवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई और एक अन्य रिश्तेदार को टिकट से वंचित कर कांग्रेस ने साबित कर दिया है कि उसने महज अनुसूचित जाति के वोट हासिल करने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है.
गौरतलब है कि शनिवार को जारी की गयी कांग्रेस की 86 उम्मीदवारों की पहली सूची में बस्सी पठाना (अनुसूचित जाति आरक्षित) सीट से वर्तमान विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को ही टिकट दिया है, जबकि इस सीट पर चन्नी के भाई मनोहर सिंह की नजरें थीं.
राघव चड्ढा ने कहा कि चन्नी के भाई बस्सी पठाना सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें नहीं दिया गया. आप नेता ने कहा कि इसी तरह, जालंधर में आदमपुर सीट से टिकट पाने के इच्छुक चन्नी के रिश्तेदार मोहिंदर सिंह केपी को भी वंचित कर दिया गया . उन्होंने आरोप लगाया कि केपी को इसलिए टिकट नहीं दिया गया, क्योंकि वह चन्नी के रिश्तेदार हैं.