Udaipur Blast: बड़ी साजिश की आशंका! डूंगरपुर में नदी में मिली जिलेटिन की छड़

Rajasthan News : पुलिस को ओड़ा ब्रिज से लगभग सत्तर किलोमीटर दूर नदी जिलेटिन से भरे सात बैग मिले हैं. बरामद जिलेटिन का वजन 186 किलोग्राम है जो चिंता का विषय है. जानें मामले में क्या है लेटेस्ट अपडेट

By Amitabh Kumar | November 16, 2022 8:32 AM

Udaipur Blast: राजस्थान में उदयपुर के पास एक रेलवे पुल पर पटरी पर हुए विस्फोट की खबर ने चिंता पैदा कर दी है. इसकी जांच राजस्थान आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस-एसओजी) कर रही है. इस बीच जो खबर सामने आ रही है, वो और डर पैदा करने वाली है. दरअसल, पुलिस को विस्फोटक से भरे सात बैग मिले हैं. इसके बाद ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि आतंकियों की साजिश राजस्थान दहलाने की थी.

जानकारी के अनुसार पुलिस को ओड़ा ब्रिज से लगभग सत्तर किलोमीटर दूर नदी जिलेटिन से भरे सात बैग मिले हैं. जिसका उपयोग विस्फोटक के रूप में होता है. बताया जा रहा है कि डूंगरपुर जिले में सोम नदी पर बने भबराना पुल के नीचे सात कट्टों में बरामद जिलेटिन का वजन 186 किलोग्राम है जो चिंता का विषय है. आसपुर थाना पुलिस ने इस विस्फोटक को जब्त कर लिया है.

उच्च स्तरीय बैठक

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार देर रात वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें फैसला लिया गया कि जांच राजस्थान आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस-एसओजी) को सौंपा जाएगा. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस और एसओजी) अशोक राठौड़ अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और स्थानीय पुलिस और खुफिया अधिकारियों से बात की.

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कब हुआ धमाका

यहां चर्चा कर दें कि ओड़ा रेलवे पुल पर उदयपुर-अहमदाबाद को जोड़ने वाले रेलवे ट्रैक पर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को विस्फोट हुआ था. ओड़ा रेलवे पुल उदयपुर के जावर माइंस थाना क्षेत्र में आता है. स्थानीय लोगों ने देर रात विस्फोट की आवाज सुनी थी और रविवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे दो युवकों ने विस्फोटक व क्षतिग्रस्त पटरी देख कर रेलवे को इसकी सूचना दी.

रेल लाइन 31 अक्टूबर को शुरू की गयी

यह रेल लाइन 31 अक्टूबर को शुरू की गयी थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में असावरा रेलवे स्टेशन से असावरा-उदयपुर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखायी थी. उत्तर पश्चिम रेलवे के एक प्रवक्ता ने सोमवार को जयपुर में कहा था कि एटीएस की एक टीम ने रविवार रात 11 बजे ट्रैक क्लीयरेंस देने के बाद रेलवे इंजीनियरों ने ट्रैक की मरम्मत की और इसे सुबह 3.30 बजे ट्रेन की आवाजाही के लिए सुरक्षित घोषित किया गया.

भाषा इनपुट के साथ

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