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शिवसेना के ट्विटर हैंडल और वेबसाइट को उद्धव ठाकरे कैंप ने किया डिलीट, जानिए क्यों हट गया ब्लू टिक का निशान

शिवसेना को लेकर उद्धव ठाकरे बनाम शिंदे गुट की रस्साकशी में शिंदे गुट को मिली जीत से ठाकरे खेमे में खलबली मची है. उद्धव गुट ने पार्टी के shivsena.in के साथ शिवसेना की वेबसाइट को हटा दिया है. यहीं नहीं उद्धव गुट ने ट्विटर प्रोफाइल का नाम बदलकर अब शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे कर दिया है.

शिवसेना को लेकर उद्धव ठाकरे बनाम शिंदे गुट की रस्साकशी में शिंदे गुट को मिली जीत से ठाकरे खेमे में खलबली मची है. शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और सिंबल मिलने के बाद उद्धव गुट ने शिवसेना का ट्विटर हैंडल और शिवसेना की वेबसाइट दोनों को डिलीट कर दिया है. बता दें, ट्विटर हैंडल और वेबसाइट दोनों ही शिवसेना के नाम से थी. इसे उद्धव ठाकरे गुट हैंडल करता था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को चुनाव आयोग की ओर से पार्टी के नाम और पार्टी चिन्ह पर एकनाथ शिंदे के दावे को मंजूरी देने के बाद से ही ठाकरे कैंप की ओर से पार्टी के ट्विटर हैंडल और वेबसाइट दोनों को डिलीट कर दिया था.

पार्टी ट्विटर से हटा ब्लू टिक: उद्धव गुट ने पार्टी के shivsena.in के साथ शिवसेना की वेबसाइट को हटा दिया है. यहीं नहीं उद्धव गुट ने ट्विटर प्रोफाइल का नाम बदलकर अब शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे कर दिया है.  सबसे बड़ी बात कि पार्टी का नाम बदलने के कारण शिवसेना के ट्विटर से ब्लू टिक भी अब हट गया है. कुल मिलाकर इस प्रकरण पर शिवसेना उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट के बीच अब सुप्रीम कोर्ट में नये सिरे से जंग शुरू हो गई है.  

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सुप्रीम कोर्ट में याचिका: सोमवार को शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. उद्धव गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव चिह्न धनुष और तीर देने के चुनाव आयोग के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई छेड़ दी है. बता दें, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया. हालांकि प्रधान न्यायाधीश ने हालांकि कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है.

भाषा इनपुट के साथ

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