शिवसेना के उद्धव गुट में फिर होगी टूट, पांच विधायक और दो सांसद शिंदे धड़े में हो सकते हैं शामिल
फिलहाल, शिंदे धड़े में मुख्यमंत्री समेत 40 विधायक और 12 लोकसभा सांसद शामिल हैं. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के पास 15 विधायक और छह लोकसभा सदस्य हैं. इस साल जून में विभाजन से पहले शिवसेना के पास महाराष्ट्र से 18 और दादरा और नगर हवेली से एक लोकसभा सदस्य थे.
मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में एक और उबाल आने के आसार नजर आ रहे हैं. खबर यह है कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे वाली गुट में एक और फूट होने वाली है. दावा ये किया जा रहा है कि इस गुट के पांच विधायक और दो सांसद आज यानी बुधवार की शाम को शिंदे धड़े में शामिल हो सकते हैं. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि मुंबई के बीकेसी (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स) मैदान में शिंदे गुट की ओर से आयोजित दशहरा रैली के दौरान पाला बदलकर शिंदे कैंप में शामिल हो जाएंगे.
आज शाम को पाला बदलेंगे उद्धव गुट के नेता
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शिवसेना के शिंदे गुट से लोकसभा सांसद कृपाल तुमाने ने बुधवार को दावा किया है कि उद्धव ठाकरे गुट के दो सांसद और पांच विधायक शाम को आयोजित दशहरा रैली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होंगे. शिंदे गुट के नेता तुमाने ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि उद्धव ठाकरे गुट के दो सांसद मुंबई और मराठवाड़ा क्षेत्र से हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप शाम को देखेंगे.
पाला बदलने वाले नेताओं ने खुद किया फोन
महाराष्ट्र के रामटेक से शिवसेना के शिंदे धड़े के सांसद कृपाल तुमाने ने कहा कि शिंदे गुट की विचारधारा को मानने वाले खुद फोन कर इसमें शामिल हो रहे हैं. फिलहाल, शिंदे धड़े में मुख्यमंत्री समेत 40 विधायक और 12 लोकसभा सांसद शामिल हैं. वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के पास 15 विधायक और छह लोकसभा सदस्य हैं. इस साल जून में विभाजन से पहले शिवसेना के पास महाराष्ट्र से 18 और दादरा और नगर हवेली से एक लोकसभा सदस्य थे.
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बीकेसी मैदान में शिंदे गुट की दशहरा रैली
बता दें कि शिंदे के नेतृत्व वाला बागी धड़ा बुधवार शाम मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में दशहरा रैली आयोजित करेगा. ठाकरे गुट मध्य मुंबई के दादर में ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में अपनी रैली आयोजित करेगा, जो 1966 में शिवसेना की स्थापना के बाद से जुड़ा हुआ है. शिंदे और शिवसेना के 39 अन्य विधायकों ने जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसके बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी. शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे.