सीमा पर तनाव के बीच उद्धव ठाकरे सरकार ने की चीनी कंपनियों के साथ 5,000 करोड़ की बड़ी डील

Galwan Valley Violent clash, Indo-China violent face-off , China capture our land, 20 Indian Army personnel who lost their lives : भारत और चीन के बीच लद्दाख में लगातार स्‍थिति बिगड़ती जा रही है. लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच 15 जून की रात हुए हिंसक संघर्ष के बाद और भी हालात खराब हो चुके हैं. एक ओर हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्‍सा नजर आ रहा है, तो दूसरी ओर महाराष्‍ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने 'ड्रैगन' के साथ बड़ी डील की है.

By Agency | June 17, 2020 10:12 PM
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मुंबई : भारत और चीन के बीच लद्दाख में लगातार स्‍थिति बिगड़ती जा रही है. लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच 15 जून की रात हुए हिंसक संघर्ष के बाद और भी हालात खराब हो चुके हैं. एक ओर हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्‍सा नजर आ रहा है, तो दूसरी ओर महाराष्‍ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने ‘ड्रैगन’ के साथ बड़ी डील की है.

महाराष्ट्र सरकार ने चीन की तीन कंपनियों सहित विभिन्न देशों की 12 कंपनियों के साथ कुल 16,000 करोड़ रुपये के निवेश के सहमति-ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार तीनों चीनी कंपनियों ने कुल मिलाकर 5,000 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव किया है. ये समझौते भारत और चीन के सैनिकों के बीच लेद्दाख में गलवान घाटी में हिंसक झड़प होने के कुछ ही घंटे पहले सोमवार को मेग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0 सम्मेलन में हुए.

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सीमा पर खूनी झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए. वक्तव्य में कहा गया है कि इन चीनी कंपनियों में हेंगली इंजीनियरिंग, पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी साल्यूशंस का फोटोन के साथ संयुकत उद्यम है और तीसरी कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स है. ये सभी पुणे जिले के तालेगांव में निवेश करेंगी.

इनमें से हेंगली इंजीनियरिंग 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जबकि पीएमआई ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी वहीं ग्रेट वॉल मोटर्स 3,770 करोड़ रुपये के निवेश से ऑटोमोबाइल कंपनी स्थापित करेगी. दूसरे देशों की कंपनियों के साथ भी सहमति ज्ञापन किये गये हैं. इनमें अमेरिका, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया की कंपनियां शामिल हैं. इनमें भी ऑटोमोबाइल, लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग, इंजीनियरिंग और मोबाइल उत्पादन क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं.

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शिवसेना ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति पर स्पष्टता की मांग की

शिवसेना ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी जवानों के बीच हिंसक झड़प को लेकर मंगलवार को स्पष्टता की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को निर्वाचित विपक्ष को भरोसे में लेने की आवश्कयता है. शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि सरकार को मीडिया को अटकलबाजी करने के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए.

उन्होंने ट्वीट किया, प्रिय भारत सरकार, आप वह कर रहे हैं जो देश हित में है, लेकिन हमें स्पष्टता चाहिए. देश एकजुट होकर आपके साथ खड़ा है, लेकिन वे जानने के हकदार हैं. चतुर्वेदी ने कहा, निर्वाचित विपक्ष को विश्वास में नहीं लेना रणनीतिक रूप से भी अच्छा विचार नहीं है.

अंतिम बात यह कहना चाहती हूं कि मीडिया को अटकलबाजी लगाने के लिए प्रेरित मत कीजिए. केवल तथ्य बताइए. शिवसेना नेता ने कहा, मैं दिल में देश प्रेम की भावना लिए बहादुरी के साथ सीमा पर खड़े बहादुर जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करती हूं और उन्हें नमन करती हूं. उम्मीद है कि हमारे देश के गौरव के लिए इसका जल्द ही समाधान मिलेगा.

posted by – arbind kumar mishra

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