Uddhav Thackeray On Bhagat Singh Koshyari: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के मराठियों वाले बयान पर सियासत गरमाई हुई है. अब मामले में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, राज्यपाल राष्ट्रपति का दूत होता है, वह पूरे देश में राष्ट्रपति की बातों को मानता है, लेकिन अगर वह वही गलती करता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा? उन्होंने मराठियों और उनके गौरव का अपमान किया है. उद्धव ठाकरे ने कहा, मैं राज्यपाल के पद पर बैठे किसी का अपमान नहीं करना चाहता. मैं कुर्सी का सम्मान करता हूं, लेकिन भगत सिंह कोश्यारी ने मराठियों का अपमान किया और लोगों में गुस्सा है. धर्म के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं राज्यपाल, हर हद पार कर रहे हैं.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने राज्यपाल के भाषण की निंदा की. उन्होंने ट्विटर पर वीडियो शेयर किया, जिसमें मीडिया उपयोगकर्ताओं से यह सुनने के लिए कहा कि राज्यपाल ने मराठी गौरव को ‘आहत’ कैसे किया. संजय राउत ने कहा कि भाजपा प्रायोजित मुख्यमंत्री के सत्ता में आते ही मराठी व्यक्ति का अपमान हो जाता है. संजय राउत ने ट्वीट किया, “सीएम एकनाथ शिंदे, कम से कम राज्यपाल की निंदा करें. यह मराठी मेहनती लोगों का अपमान है.
I do not want to insult someone sitting on the post of Governor. I respect the chair but Bhagat Singh Koshyari insulted Marathis and there is anger among the people. Governor is trying to divide the society on religion, he is crossing every limit: Former Maha CM Uddhav Thackeray https://t.co/0ZlAaCYFe6 pic.twitter.com/yzvAN04Nrn
— ANI (@ANI) July 30, 2022
कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने भी वीडियो को ट्वीट किया और कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल की ओर से मराठी लोगों का अपमान भयानक है. मराठियों को जगाते हुए संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल का मतलब है कि महाराष्ट्र और मराठी लोग भिखारी हैं. संजय राउत ने ट्वीट किया, “मुख्यमंत्री शिंदे, क्या आप सुन रहे हैं? कि आपका महाराष्ट्र अलग है. अगर आपका स्वाभिमान है, तो राज्यपाल का इस्तीफा मांगें.”
प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यपाल से माफी मांगने की बात कही शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र के लोगों की कड़ी मेहनत का ‘अपमान’ करने के लिए राज्यपाल से तत्काल माफी मांगने की मांग की. उन्होंने कहा, “यह महाराष्ट्र और मराठी मानुष के लोगों की कड़ी मेहनत का अपमान है, जिन्होंने राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की है. राज्यपाल को तुरंत माफी मांगनी चाहिए, ऐसा नहीं करने पर हम इसे बदलने की मांग करेंगे.
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महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने एक बयान में कहा, कि अगर महाराष्ट्र से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो महाराष्ट्र के पास कोई पैसा नहीं बचेगा और मुंबई को अब भारत की वित्तीय राजधानी नहीं कहा जाएगा.